Monday, April 20, 2015

EPF और NPS में से एक चुनना होगा कर्मचारियों को

संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को ईपीएफ और एनपीएस में से किसी एक को चुनने का विकल्प मिलने वाला है। अगले हफ्ते केंद्रीय मंत्रिमंडल इस प्रस्ताव पर विचार कर सकता है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के ईपीएफ से इतर पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की ओर से
नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस की पेशकश की जाती है। दोनों में से किसी एक का विकल्प देने वाला यह प्रस्ताव कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम 1952 में व्यापक संशोधन करने वाले विधेयक का एक हिस्सा है। 1सूत्रों के अनुसार अगले हफ्ते किसी समय इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। प्रस्तावित संशोधन में केंद्र सरकार को यह अधिकार दिया गया है कि वह एक खास मासिक आय तक के कर्मचारियों द्वारा किया जाने वाला अनिवार्य भविष्य निधि अंशदान माफ कर दे। इसकी नियामक इकाई ईपीएफओ ही होगी। वह निगरानी करेगी कि यह योजना पूरी तरह लागू हो।
बजट में हुई थी इसकी घोषणा: कर्मचारियों को ईपीएफ या एनपीएस में से किसी एक का चयन करने का विकल्प देने की घोषणा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में की थी। संसद में बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा था कि कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के दो विकल्प उपलब्ध कराने की जरूरत है।
साभार: जागरण समाचार
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