अब आइएएस और आइपीएस अफसरों को पांच हजार रुपये से ज्यादा के उपहार स्वीकार
करने से पहले केंद्र सरकार की अनुमति लेनी होगी। हाल में संशोधित अखिल
भारतीय सेवा नियमों में यह व्यवस्था की गई है। खास बात यह है कि उपहारों की
श्रेणी में यात्र, रहने और खाने के प्रबंध तक को शामिल कर लिया गया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की ओर से अधिसूचित ये नियम तीनों
अखिल भारतीय सेवाओं,
मसलन भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस), भारतीय पुलिस
सेवा (आइपीएस) और भारतीय वन सेवा (आइएफओएस) पर लागू होंगे। नए नियमों के
अनुसार, यदि कोई अधिकारी अपने रिश्तेदारों या दोस्तों से 25 हजार रुपये से
ज्यादा के उपहार लेता है तो उसे सरकार को इसकी जानकारी देनी होगी। कोई भी
अधिकारी पांच हजार रुपये से ज्यादा कीमत का कोई उपहार सरकार की मंजूरी के
बिना स्वीकार नहीं करेगा। यही नहीं नजदीकी रिश्तेदार या मित्र को छोड़कर
यदि कोई व्यक्ति अफसर के लिए मुफ्त यात्र, रहने या खाने और अन्य सुविधाओं
का प्रबंध करता है तो इसे उपहार की श्रेणी में गिना जाएगा। नियमों में कहा
गया है कि अधिकारी करीबी रिश्तेदारों या दोस्तों से शादी, वर्षगांठ, अंतिम
संस्कार और अन्य धार्मिक समारोहों पर सामाजिक परंपरा के रूप में उपहार तो
ले सकता है, लेकिन यदि इसकी कीमत 25 हजार रुपये से अधिक है तो उसे सरकार को
इसकी रिपोर्ट देनी होगी। नियमों के अनुसार उपहार देने वाले करीबी
संबंधियों या दोस्तों के साथ अधिकारी का कोई आधिकारिक लेन-देन नहीं होना
चाहिए। पहले आइएएस, आइपीएस और आइएफओएस अधिकारियों को एक हजार रुपये से अधिक
कीमत के उपहार लेने से पहले सरकारी मंजूरी लेनी पड़ती थी। सरकारी आंकड़ों
के अनुसार, देशभर में कुल 4,802 आइएएस, 3,798 आइपीएस, 2,668 आइएफओएस
अधिकारी कार्यरत हैं।
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साभार: जागरण समाचार
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