शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में बच्चों को
मिड-डे मील देने के लिए प्राइवेट कंपनी से डिब्बा बंद खाना खरीदने की
तैयारी कर ली है। सब कुछ ठीक रहा तो अगले महीने से विद्यार्थियों को
प्रतिदिन स्कूलों में डिब्बा बंद खाना मिलेगा। इसके लिए शिक्षा विभाग के
मौलिक शिक्षा महानिदेशक ने प्रदेश के सभी जिलों को पत्र भेजकर उपायुक्त के
माध्यम से प्रस्ताव तैयार करके भेजने के निर्देश दिए हैं। Post published at www.nareshjangra.blogspot.com शिक्षा
विभाग के प्रधान सचिव ने बताया है कि 14 जनवरी 2015 को समस्त जिलों के
मौलिक शिक्षा अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिए गए थे कि मिड-डे मिल
सप्लाई करने वाली कंपनी इस्कॉन फूड रिलीफ फाउंडेशन को कार्य दिया जाना है।
महानिदेशक ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि उनके प्रस्ताव निदेशालय को नहीं
भेजे गए। अब 20 अप्रैल को अम्बाला, भिवानी, फतेहाबाद, हिसार, झज्जर, जींद,
कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, महेन्द्रगढ़, मेवात, पंचकूला, पानीपत, पलवल,
रोहतक, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को दोबारा
पत्र भेजकर इस्कॉन फूड रिलीफ फाउंडेशन को दोबारा कार्य दिए जाने के बारे
में प्रस्ताव शीघ्र निदेशालय को भिजवाने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने
चेतावनी दी है कि इसमें कोताही के लिए जिला शिक्षा अधिकारी जिम्मेवार
होंगे। मालूम हो कि मिड-डे मील अब तक स्कूल इंचार्ज की देख रेख में बनता है
इसके लिए कुक, सफाई कर्मचारी व दो अध्यापक की जिम्मेवारी होती है। निजी
हाथों में मिड-डे मिल आ जाने से स्टाफ को होने वाली परेशानी खत्म होगी।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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