Tuesday, April 21, 2015

अब सरकारी स्कूलों में भी शुरू होगा स्मार्ट एजुकेशन कांसेप्ट, 107 स्कूल बनेंगे स्मार्ट

प्राइवेट और कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर चंडीगढ़ प्रशासन के अधीन सभी सरकारी स्कूलों में स्मार्ट एजुकेशन देने की तैयारी है। ऐसा होने पर चंडीगढ़ सभी सरकारी स्कूलों में स्मार्ट एजुकेशन देने वाला देश का पहला शहर बन जाएगा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत प्रशासन ने यह बड़ा प्रोजेक्ट शुरू करने का फैसला लिया है। शहर के सभी
107 सरकारी स्कूलों में 2016 सत्र से स्मार्ट क्लासरूम तैयार कर लिए जाएंगे। Post published at www.nareshjangra.blogspot.com सोमवार को प्रशासक के सलाहकार विजय कुमार देव की अध्यक्षता में सरकारी स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन को लेकर हुई बैठक में सभी सरकारी स्कूलों में स्मार्ट एजुकेशन कॉन्सेप्ट शुरू करने का फैसला लिया है। स्मार्ट गवर्नमेंट स्कूल प्रोजेक्ट के लिए 20 करोड़ का बजट भी निर्धारित किया है। शिक्षा विभाग ने तीन साल पहले सेक्टर-53 में पहला गवर्नमेंट स्मार्ट स्कूल शुरू किया था। इस समय दो सरकारी स्कूलों को ही स्मार्ट स्कूल का दर्जा है। अधिकारियों के अनुसार स्मार्ट एजुकेशन के लिए स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन ई-कंटेंट तैयार करेगा। कई गवर्नमेंट स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 9वीं से 12क्लास में ई-कंटेंट से पढ़ाई शुरू की जा चुकी है।
अगले महीने बड़े स्तर पर तबादले: शिक्षा विभाग मई में बड़े स्तर पर सरकारी स्कूलों में सालों से जमे शिक्षकों केे तबादले करने की तैयारी कर ली है। मई में शिक्षा विभाग में 1150 नए शिक्षकों की नियुक्ति के साथ ही तबादला पॉलिसी के तहत 10 साल से अधिक समय से एक ही स्कूल में जमे शिक्षक और प्रिंसिपलों के तबादले किए जाएंगे। Post published at www.nareshjangra.blogspot.com सभी 107 सरकारी स्कूलों में नए शिक्षकों की जरूरत के हिसाब से नियुक्ति की जाएगी। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की अटेंडेंस बायोमेट्रिक मशीन से लगाने की तैयारी की जा रही है।
मिड-डे मील में लजीज व्यंजन: गरीब बच्चों को सरकारी स्कूलों में आकर्षित करने के लिए प्रशासन ने मिड-डे मिल में बड़े स्तर पर बदलाव का फैसला लिया है। मई से करीब 55 हजार स्कूली बच्चों को अंकुरित दालों के अलावा खाने में मीठा भी दिया जाएगा।
45 स्टूडेंट का सेक्शन: शिक्षा विभाग ने 2015 सत्र से राइट टू एजुकेशन पूरी तरह लागू करने का फैसला लिया है। नियमों के तहत एक क्लास में 45 स्टूडेंट से अधिक नहीं होंगे। अधिकारियों के अनुसार मौजूदा सत्र से शहर के हर स्कूल में प्रत्येक क्लास में कम से कम एक अंग्रेजी माध्यम का सेक्शन अनिवार्य कर दिया गया है। सरकारी स्कूलों की संख्या को भी बढ़ाने की तैयारी है। 8 करोड़ की लागत से 6 नए स्कूलों की बिल्डिंग का काम अंतिम चरण में है। कई स्कूलों में अतिरिक्त ब्लॉक भी बनाए जा रहे हैं। 
साभार: अमर उजाला समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE . Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.