समीर अपने मां-बाप का होनहार बेटा माना जाता था। क्लास से छूटने पर उसके
दोस्त भी उससे सवाल समझने आ जाते थे। समीर अपेक्षाओं के पंख पर सवार था।
मगर यह क्या? जब उसे पता चला कि उसके स्कूल की मान्यता मिडिल तक ही है तो
मानो उसके पैरों तले जमीन ही खिसक गई। ऐसा प्रकरण अक्सर सामने आता है। Post published at www.nareshjangra.blogspot.com शिक्षा विभाग ने भी इसे शिद्दत से महसूस किया है। मान्यता से इतर
कक्षा
लगाकर भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों की नाक में नकेल डालने की रणनीति
बना दी गई है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने उन स्कूलों पर शिकंजा कस
दिया है जो विभाग द्वारा दी गई स्कूल मान्यता से उपर कक्षाएं लगवा रहे हैं,
लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेशानुसार स्कूल को दी
गई मान्यता से उपर कक्षाएं लगी मिलती है तो उसकी मान्यता रद्द कर दी
जाएंगी। फतेहाबाद जिले में निजी स्कूल की संख्या 173 है। जिसमें 20 स्कूल अस्थाई
मान्यता प्राप्त है। सभी स्कूलों को उनकी क्षमता अनुसार मान्यता दी हुई है,
लेकिन कई स्कूल संचालक ऐसे हैं जो विभाग द्वारा दी गई मान्यता से उपर
कक्षाएं लगा रहे हैं और दाखिला कर रहे हैं। जिले में विभाग द्वारा कई स्कूल
संचालकों को आठवीं कक्षा की मान्यता दी हुई, लेकिन वह दसवीं तक स्कूल चला
रहे हैं। इस तरह दसवीं तक मान्यता वाले स्कूल बारहवीं तक के बच्चों की
कक्षाएं लगा रहे हैं। इस मामले को स्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल संचालकों ने
सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी की बैठक में भी उठाया था।
इस बैठक में स्थाई स्कूल संचालकों ने जिला शिक्षा अधिकारी को सरकार द्वारा
दिए गए नियमों की अनुपालना करने का आश्वासन दिया। स्थाई मान्यता प्राप्त
स्कूल संचालकों ने बताया कि जिले में कई निजी स्कूल व एकेडमी बिना मान्यता
के चल रही हैं। उन्होंने इनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। इसके
अलावा उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को बताया था कि जिस स्कूल संचालक के
पास जिस स्तर की मान्यता है वह सिर्फ उसी स्तर तक के विद्यार्थियों को
दाखिला करे और जो स्कूल जिस स्कूल बोर्ड के साथ संबधित है तो उस बोर्ड के
विद्यार्थियों के अनुसार ही बच्चों को दाखिला करे। इस मामले को देखते हुए
जिला शिक्षा अधिकारी ने शुक्रवार को निजी स्कूलों को आदेश जारी किये कि
विभाग द्वारा जिन स्कूल को जो मान्यता दी गई है उन्ही कक्षाओं तक
विद्यार्थियों का दाखिला करे और उनकी कक्षाएं लगाए। अगर कोई स्कूल संचालक
जांच के दौरान दी गई कक्षा मान्यता से उपर की कक्षाएं लगाता व दाखिला करते
मिलता है तो उस स्कूल की मान्यता रदद् कर दी जांएगी। इसके अलावा निजी स्कूल
संचालकों को बोर्ड द्वारा निर्धारित किताबें ही लगवाने के आदेश दिये
हैं। जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. यज्ञदत्त वर्मा का कहना है कि पहली बात तो
सरकारी स्कूलों में ही अपने बच्चों का दाखिला करवाएं। अगर निजी स्कूलों में
करवाना है तो उसकी मान्यता जरूर चेक कर लें। वैसे, वह खुद औचक निरीक्षण कर
ऐसे स्कूलों को दंडित करेंगे। जो स्कूल संचालक मान्यता अनुसार कक्षाएं
नहीं लगा रहे हैं उसकी मान्यता रदद् की जाएंगी। पिछले साल भी चार लाख तक का
जुर्माना लगाया गया था।
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साभार: जागरण समाचार
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