पाकिस्तान ने रविवार को कहा कि कुलभूषण जाधव के मामले की तुलना असैन्य कैदियों से करना 'तर्क का उपहास' है। शनिवार को दोनों देशों ने एक-दूसरे की जेलों में बंद कैदियों की एक सूची का आदान-प्रदान किया
था, जिसके बाद विदेश कार्यालय ने यह टिप्पणी की। पाकिस्तान द्वारा मुहैया कराई गई सूची के अनुसार उसकी जेलों में 546 भारतीय नागरिक बंद हैं जिनमें से करीब 500 मछुआरे हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पाक विदेश कार्यालय ने कहा, 'कमांडर जाधव भारतीय नौसेना के एक सेवारत अधिकारी हैं जिन्हें भारत की खुफिया एजेंसी रॉ ने जासूसी, आतंकवाद एवं विद्रोही गतिविधियों, के लिए पाकिस्तान भेजा था, जिनके कारण कई निर्दाेष जानें गईं और संपत्ति का नुकसान हुआ।' विदेश कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान राजनयिक पहुंच से संबंधित 2008 के समझौते के कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है जिसके तहत दोनों एक दूसरे की जेलों में बंद अपने अपने नागरिकों की सूची का हर साल 2 बार एक जनवरी एवं एक जुलाई को आदान-प्रदान करते हैं। पाकिस्तान ने समझौते का पूरी भावना से कार्यान्वयन किया है और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि मानवीय मामले राजनीति की भेंट ना चढ़े।
कहा, जाधव को रॉ ने जासूसी, एवं विद्रोही गतिविधियों के लिए भेजा था: भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव पर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट की फटकार के बाद भी पाक ने रविवार को जाधव से भारतीय राजनयिक को मिलने की इजाजत देने से फिर से इनकार कर दिया। यह 18वीं बार है, जब पाकिस्तान ने जाधव तक कांसुलर एक्सेस की भारत की अपील को ठुकराया है। पाकिस्तानी विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में भारत कथित रूप से आतंक फंडिंग और गतिविधियों में शामिल है। उन्होंने दावा किया कि कुलभूषण जाधव कथित तौर पर आतंकी गतिविधियों के लिए बलूचिस्तान में आए थे। वह गिरफ्तार के दौरान भारतीय नौसेना में कार्यरत थे। लिहाजा कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पहुंच की इजाजत देने का सवाल ही नहीं उठता है। अंतरराष्ट्रीय अदालत ने भी पाकिस्तान के इस कदम को गलत बताया।
पीओके में लगे आजादी के नारे, कहा- बंद करो यहां आतंकी भेजना: आतंकवाद को पनाह देने वाले नवाज सरकार और पाक सेना के खिलाफ के खिलाफ पीओके के लाेगाें ने आजादी के नारे लगाए। पीओके के नेता हयात खान ने कहा, पाक आर्मी और पीएम यहां पर आतंकियों को भेजना बंद कर दें। हद हो गई है, हम उन्हें यहां से बाहर करने में अब देर नहीं करेंगे। ये नारेबाजी पीओके के हजीरा में हुई है। यह पहली बार नहीं है जब पीअाेके में सेना के खिलाफ नारे लगे हाे, इससे पहले भी सरकार का विरोध किया जा चुका है। हाल ही में बलूचिस्तान के क्वेटा में आतंकी हमला हुआ, जिसमें कई जानें चली गई थी।
कश्मीर के अलगाववादी नेता शब्बीर शाह के खिलाफ गैर जमानती वारंट: प्रवर्तन निदेशालय की मांग पर कश्मीर के अलगाववादी नेता शब्बीर शाह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। ये वारंट मनी लॉन्ड्रिंग केस में जारी किया गया है। ईडी ने दो साल में शब्बीर को आठ समन जारी किए, लेकिन वो पेश नहीं हुआ तो अब गैर जमानती वारंट जारी किया गया। मामला दिल्ली में दर्ज था, इसलिए पटियाला हाउस कोर्ट, दिल्ली से वारंट जारी किया गया। वहीं अपनी सफाई में शब्बीर शाह का कहना है कि उसे पिछले तीन सालों से घर में गिरफ्तार कर रखा है और उसके वकील ईडी के सामने हर तारीख पर पेश हो रहे हैं।
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साभार: भास्कर समाचार
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