चंडीगढ़ हरियाणा में सीनियर आइएएस अधिकारियों की प्रमोशन में भारी फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। पिछली सरकार ने बिना पदों के सीनियर आइएएस अधिकारियों को प्रधान सचिव के पद से प्रमोट कर सीधे अतिरिक्त
मुख्य सचिव बना दिया। इनमें से दो आइएएस अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से रिटायर भी हो चुके हैं। इन अफसरों को यह प्रमोशन उस स्थिति में दी गई, जब राज्य में अतिरिक्त मुख्य सचिव के मात्र तीन पद ही स्वीकृत हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। प्रदेश सरकार यदि अफसरों पर खास मेहरबान रहे तो तीन अतिरिक्त मुख्य सचिव एडहाक बेस पर और बनाए जा सकते हैं। इससे अधिक का न तो प्रावधान है और न ही पद स्वीकृत हैं। वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा यह केस कैग ने विधानसभा की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (पीएसी) के पास जांच के लिए भेजा है। विधानसभा कमेटियां न केवल स्वतंत्र होती हैं बल्कि उनकी खास अहमियत होती है। भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक ज्ञानचंद गुप्ता पीएसी के अध्यक्ष और विधायक हरविंद्र कल्याण, जयतीर्थ दहिया, डा. पवन सैनी, रेणुका बिश्नोई और दिनेश कौशिक सदस्य हैं। विधानसभा में हुई पीएसी की बैठक में अफसरों की बिना स्वीकृत पदों के हुई प्रमोशन का यह केस सामने आया तो सदस्य हैरान रह गए।
तो फिर प्रधान सचिव के पद पर डिमोट होंगे अफसर: मुख्य सचिव यदि केंद्र व राज्य सरकार से अतिरिक्त मुख्य सचिवों के पद पर हुई प्रमोशन की मंजूरी नहीं ले पाए तो इन 9 अफसरों को डिमोट कर दोबारा से प्रधान सचिव बनाया जाना तय है। साथ ही जो आइएएस अधिकारी अब प्रधान सचिव से अतिरिक्त मुख्य सचिव बनने की तैयारी में थे, उनकी प्रमोशन भी अटक गई है।मुख्य सचिव ने माना नियमों के विपरीत हुई प्रमोशन पीएसी ने इस मुद्दे पर मुख्य सचिव डीएस ढेसी से जवाब मांगा है। कमेटी के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता और सदस्य हरविंद्र कल्याण ने मुख्य सचिव से पूछा कि जब पद ही स्वीकृत नहीं हैं तो अतिरिक्त मुख्य सचिव कैसे बनाए जा सकते हैं। मुख्य सचिव ने माना कि एसीएस के मात्र तीन पद स्वीकृत हैं। साथ ही कहा कि प्रधान सचिव से अतिरिक्त मुख्य सचिव के पदों पर प्रमोशन के लिए मंजूरी लेने के लिए केस सरकार को भेजा जा चुका है, मगर अभी तक अप्रूवल नहीं मिली है।
सीएम के पास मामला: पीएसी के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, हरविंद्र कल्याण और डा. पवन सैनी ने यह मामला मुख्यमंत्री की जानकारी में डाल दिया है।
हरियाणा में नियमों के विपरीत हुई आइएएस अधिकारियों की प्रमोशन पर विधानसभा की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (पीएसी) का कड़ा रुख बड़े टकराव की ओर इशारा कर रहा है। प्रधान सचिव से अतिरिक्त मुख्य सचिव बनाए गए अफसरों के मामले में पीएसी ने मुख्य सचिव डीएस ढेसी से तीन माह के भीतर पूरी रिपोर्ट मांगी है। साथ ही मुख्य सचिव को निर्देश दिए गए कि वे इस अवधि में केंद्र व राज्य सरकार के साथ पत्र व्यवहार कर अतिरिक्त मुख्य सचिव के पदों की मंजूरी ले लें अन्यथा पीएसी तय करेगी कि इन अफसरों का भविष्य क्या होगा। प्रमोशन में अनियमितताएं उजागर होने के बाद राज्य की अफसरशाही में हड़कंप की स्थिति है। मुख्य सचिव की रिपोर्ट पर पीएसी संतुष्ट नहीं होती तो वह किसी भी निर्णय के लिए स्वतंत्र है। पीएसी के रुख के बाद अफसरशाही और राजनेताओं में टकराव लंबा खिंच सकता है।
प्रदेश में काम कर रहे एसीएस:
- केएन अरोड़ा- राजस्व व आपदा प्रबंधन
- राजन गुप्ता-सैनिक कल्याण विभाग
- नवराज संधू - विकास एवं पंचायत
- एसएस ढिल्लो - परिवहन
- एसएस प्रसाद - खाद्य एवं आपूर्ति
- सुनील गुलाटी - वन संरक्षण विभाग
- रामनिवास - गृह एवं जेल
- पी राघवेंद्र राव - वित्त एवं योजना
- पीके महापात्र-महिला व बाल विकास
- केके खंडेलवाल - खेल
- धनपत सिंह - चिकित्सा शिक्षा
- विजयवर्धन - श्रम एवं रोजगार
- रजनी सेखरी सिब्बल - पशुपालन
- संजीव कौशल-आबकारी
- वीएस कुंडू - पर्यटन
- पीके दास - स्कूल शिक्षा
- आलोक निगम - पीडब्ल्यूडी
- आरआर जोवल - सामाजिक न्याय
- धीरा खंडेलवाल - सहकारी (दो अधिकारी रिटायर हो चुके हैं)
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साभार: जागरण समाचार
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