केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पैन कार्ड में हो रहे फर्जीवाड़े से बचने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य किया गया है। पैन और आईटी रिटर्न के लिए आधार नंबर अनिवार्य करने संबंधी फैसले का बचाव
करते हुए अटॉर्नी जनरल ने कहा कि आधार की प्राइवेसी से जुड़ी चिंताएं बेकार हैं। जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच बुधवार को भी सुनवाई जारी रखेगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सुनवाई के दौरान रोहतगी ने कहा, पैन में फर्जीवाड़ा आसानी से हो सकता है। ऐसे में यह सिस्टम संदेह के दायरे में है। आधार पूरी तरह सुरक्षित और पुख्ता है। इसमें किसी भी व्यक्ति की पहचान में फर्जीवाड़ा नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि आधार की मदद से समाज कल्याण योजनाओं में 50 हजार करोड़ रुपए बचे हैं। 10 लाख पैन कार्ड रद्द किए जा चुके हैं। जबकि 113.7 करोड़ लाेगों को जारी आधार कार्ड में कोई डुप्लीकेशन नहीं मिला है। आतंकियों की फंडिंग और काले धन की निगरानी के लिए भी आधार प्रभावी जरिया है। सुप्रीम कोर्ट आयकर कानून की धारा 139 पर सुनवाई कर रहा है। इसमें पैन कार्ड और इनकम टैक्स रिटर्न के लिए आधार कार्ड अनिवार्य किया गया है।
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साभार: भास्कर समाचार
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