कोयला घोटाले के एक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को दो साल जेल की सजा सुनाई है। दो अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों केएस क्रोफा और केसी सामारिया को भी दो-दो
साल की सजा सुनाई गई है। तीनों को एक-एक लाख रुपए जुर्माना भी देना होगा। सीबीआई के विशेष जज भरत पराशर ने इस मामले में दोषी कंपनी कमल स्पॉन्ज स्टील एंड पावर लिमिटेड पर एक करोड़ रुपए जुर्माना लगाया है। वहीं, कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) पवन कुमार अहलूवालिया को तीन साल जेल की सजा सुनाई है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। उन्हें30 लाख रुपए जुर्माना भी भरना होगा। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को जमानत भी दे दी है, ताकि वह हाईकोर्ट में अपील कर सकें। कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में आरोप तय करते हुए कहा था कि गुप्ता ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अंधेरे में रखा था। गुप्ता ने प्रथम दृष्ट्या कानून और उनपर जताए विश्वास का उल्लंघन किया।
गलत जानकारी और अधूरे आवेदन पर ही दी थी मध्यप्रदेश में खान: कोर्ट ने पूर्व कोयला सचिव और दो अन्य वरिष्ठ सेवारत अधिकारियों को मध्यप्रदेश में थेसगोरा-बी रूद्रपुरी कोयला खान के आवंटन में गड़बड़ी का दोषी पाया। सीबीआई का आरोप था कि कमल स्पॉन्ज स्टील एंड पावर लिमिटेड का आवेदन अधूरा था। मंत्रालय में यह खारिज होना चाहिए था। कंपनी ने आवेदन में अपनी नेट वर्थ और मौजूदा क्षमता भी गलत बताई थी। राज्य सरकार ने भी इसे आवंटन की सिफारिश नहीं की थी। इसके बावजूद कंपनी को खान आवंटित कर दी गई।
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साभार: भास्कर समाचार
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