पाकिस्तानके प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को दो झटके लगे हैं। रविवार को पनामागेट मामले में उनके बेटे हुसैन नवाज से जेआईटी ने ढाई घंटे पूछताछ की। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने हुसैन की वह याचिका खारिज कर दी
जिसमें जेआईटी के दो सदस्यों पर आपत्ति दर्ज की गई थी। पूछताछ के दौरान जेआईटी ने हुसैन के वकील को बाहर कर दिया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने हुसैन की याचिका खारिज करते हुए कहा कि दोनों सदस्य 'व्हाइट कॉलर क्राइम पकड़ने में एक्सपर्ट हैं।' हुसैन ने कहा था कि उनके खिलाफ जांच कर रही जेआईटी के छह में दो सदस्यों पर उन्हें आपत्ति है। उन्होंने कहा था इनमें से एक बिलाल रसूल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के करीबी के भतीजे हैं और दूसरे अमर अजीज को परवेज मुशर्रफ ने एक जांच के लिए नियुक्त किया था। पीटीआई के इमरान खान इस समय नवाज शरीफ को सत्ता से हटाने में जुटे हैं जबकि मुशर्रफ ने 1999 में नवाज शरीफ को हटा कर सत्ता पर कब्जा किया था। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जेआईटी के काम करने पर रोक नहीं लगाई है इसलिए वे उसके सामने पेश हो रहे हैं। पनामा पेपर्स लीक मामले में नवाज शरीफ परिवार की जांच के लिए जेआईटी पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित की गई है।
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साभार: भास्कर समाचार
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