डेवलपमेंट निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। प्रत्येक समाज, शहर, राज्य और देश विकास के लिए लगातार काम करते हैं। शुरुआत में डेवलपमेंट को सिर्फ इकोनॉमिक्स से जोड़कर देखा जाता था, लेकिन बाद
में इसे विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि डेमोग्राफी, इकोलाॅजी, एंथ्रोपोलॉजी, जियोग्राफी, हिस्ट्री, इंटरनेशनल रिलेशन, फिलोसॉफी, पॉलिटिकल साइंस, पब्लिक मैनेजमेंट, साइंस एंड टेक्नोलॉजी और सोशियोलॉजी से भी जोड़कर देखा जाने लगा। डेवलपमेंट स्टडीज के कोर्स में छात्रों को बड़े पैमाने पर विकास की योजना तैयार करने, बेहतर पब्लिक पॉलिसी बनाने के बारे में पढ़ाया जाता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। डेवलपमेंट स्टडीज के छात्र को यह बात समझनी होती है कि प्रत्येक सोसायटी की जरूरतें अलग हो सकती हैं। जैसे कि एक गांव की और नगर निगम के एक वार्ड दोनों की अपनी-अपनी जरूरतें होती हैं। कोई ऐसी पॉलिसी तैयार करना चाहते हैं, जो गांव और नगर निगम दोनों के लिए हो तो दोनों के बीच के फर्क का हमेशा ध्यान रखना होता है। सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में छोटे और बड़े स्तर पर विकास संबंधी कई योजनाएं तैयार की जाती हैं। वर्तमान में ऐसी कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। ऐसे में डेवलपमेंट स्टडीज़ छात्रों के कॅरिअर का अच्छा विकल्प हो सकता है। हालांकि इसका कोर्स सिर्फ पोस्टग्रेजुएट या इससे ऊपर के स्तर पर मौजूद है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कई आईआईटी संस्थानों द्वारा डेवलपमेंट स्टडीज का मास्टर डिग्री कोर्स शुरू किया गया है।
जॉब प्राॅस्पेक्ट: डेवलपमेंट स्टडीज का कोर्स करने वाले छात्र विभिन्न सरकारी संस्थाओं और एनजीओ में जॉब कर सकते हैं। इसके अलावा यूनाइटेड नेशंस, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन, इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन, यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम और वर्ल्ड बैंक जैसी संस्थाओं में भी जॉब की बेहतर संभावनाएं हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर मौजूद हैं।
एलिजिबिलिटी: देशभर के कई प्रतिष्ठित संस्थानों में डेवलपमेंट स्टडीज का मास्टर डिग्री कोर्स कराया जाता है। 50 फीसदी अंकों के साथ किसी भी स्ट्रीम से बैचलर डिग्री कर चुके छात्र अावेदन कर सकते हैं। इसमें प्रवेश के लिए छात्रों को संस्थान द्वारा अायोजित एंट्रेंस टेस्ट क्लियर करना होता है। कुछ संस्थान एंट्रेंस टेस्ट के वैलिड स्कोर के आधार पर छात्रों को प्रवेश देते हैं, जबकि कुछ संस्थानों में एंट्रेंस टेस्ट के बाद पर्सनल इंटरव्यू लिया जाता है।
कमाई: डेवलपमेंट स्टडीज में संस्थान के अनुसार सैलरी पैकेज अलग-अलग हो सकता है। फ्रेशर को अौसतन 2.5 से 3 लाख रुपए का सालाना पैकेज मिलने की संभावना होती है। वहीं केंद्र सरकार की संस्थाओं या इंटरनेशनल संस्थाओं में यह पैकेज 20 से 25 फीसदी तक ज्यादा हो सकता है। कुछ वर्षों के अनुभव के बाद सैलरी पैकेज प्रति माह 40 से 50 हजार रुपए हो सकता है।
प्रमुख संस्थान:
- टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस, मुंबई http://www.tiss.edu/
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बॉम्बे www.iitb.ac.in/
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली www.iitd.ac.in/
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, गांधीनगर www.iitgn.ac.in
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साभार: भास्कर समाचार
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