Sunday, May 28, 2017

पांच करार: भारत मॉरीशस को देगा 50 करोड़ डॉलर तक कर्ज, समुद्री सुरक्षा पर बनी बात

भारत मॉरीशस को 50 करोड़ डॉलर (लगभग 3,250 करोड़ रुपए) तक कर्ज देगा। साथ ही दोनों देश हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा पर सहयोग करेंगे। यह निर्णय यहां शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और
मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ की मुलाकात में लिए गए। दोनों के बीच बातचीत के बाद पांच करार हुए। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कर्ज देने के एमओयू पर मॉरीशस की ओर से एसबीएम मॉरीशस इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड और भारत की ओर से एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक ऑफ इंडिया ने दस्तखत किए। बैठक में मॉरीशस कोस्ट गार्ड के जहाज 'गार्डियन' की ऑपरेशनल लाइफ बढ़ाने का भी फैसला लिया गया। भारत ने यह जहाज मॉरीशस को ग्रांट असिस्टेंस स्कीम के तहत दिया है। एक समझौता मॉरीशस में सिविल सर्विसेस कॉलेज स्थापित करने को लेकर हुआ। एक अन्य समझौता सामुद्रिक विज्ञान और टेक्नोलॉजी में सहयोग को लेकर काउंसिल ऑफ साइंटिफिक और इंडस्ट्रियल रिसर्च और मॉरीशस ओशनोग्राफी इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च एंड एजुकेशन के बीच हुआ। बैठक के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मैं और प्रधानमंत्री जगन्नाथ सहमत हैं कि हमारे तटों के आसपास ईईजेड और समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। हमें पायरेसी के खिलाफ भी सतर्कता रखनी होगी क्योंकि इससे व्यापार और पर्यटन प्रभावित हो रहा है।' 
इस मुलाकात में जगन्नाथ ने मोदी के साथ व्यापक आर्थिक सहयोग और भागीदारी समझौते (सीईसीपीए) के मसले पर भी चर्चा की। उन्होंने इस मसले पर पिछले साल शुरू हुई बातचीत संतोष जताया। साथ ही उम्मीद जताई कि इस साल के अंत तक इस पर अंतिम फैसला हो जाएगा।

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साभार: भास्कर समाचार 
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