Tuesday, May 30, 2017

रिसर्च: छह महीने के बच्चे को खुद ही खाने दें; इससे वह एक्टिव रहेगा, चम्मच से खाना खिलाने पर हो जाते हैं ज्यादा वजनी

अगर बच्चा छह महीने का हो चुका है और खुद खाने की कोशिश करने लगा है तो उसे ऐसा करने दें। खुद से खाना बच्चे की सेहत के लिए अच्छा है। अगर आप बच्चे को चम्मच से खाना खिलाते हैं, इससे इस बात की
संभावना बढ़ जाती है कि बच्चा जरूरत से ज्यादा खाना खा लेगा। इससे अनावश्यक रूप से उसका वजन बढ़ सकता है, जो उसकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। अमेरिकी प्रोफेसर एमी ब्राउन ने 300 बच्चों पर रिसर्च कर यह दावा किया है। इस पर उन्होंने स्टार्टिंग सॉलिड मैटर्स नाम से किताब लिखी है। बच्चे के वजन और व्यवहार पर आधारित यह किताब अगले हफ्ते आएगी 
स्वांसिया यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर एमी ने बताया कि उन्होंने किताब लिखने से पहले 300 बच्चों पर करीब दो साल तक रिसर्च। पहले जब वे बच्चे छह महीने से लेकर एक साल तक के थे। इसके बाद वही बच्चे जब 18 महीने से दो साल तक के थे। एमी की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक जब बच्चा छोटा हो तभी से उसे खुद खाने का मौका दिया जाना चाहिए। इससे वह हेल्दी रहता है। साहसी भी होता है। वे लिखती हैं कि जब बच्चा छह महीने से बड़ा हो जाए तो पैरेंट्स को उसे चम्मच से खाना खिलाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इस उम्र में बच्चा खाने का स्वाद जान चुका होता है। वह ठोस खाना भी खा सकता है। जब वह खुद खाते हैं तो उन्हें पता होता है कि कितना खाना है। जब उनका पेट भर जाता है तो वे खाना बंद कर देते हैं। भरपेट खाने से वे स्वस्थ रहते हैं। इसके विपरीत जब पैरेंट्स बच्चे को खाना खिलाते हैं तब अक्सर उसे दो-चार चम्मच ज्यादा ही खिला दिया जाता है। इससे कई बार उसका पेट खराब हो जाता है। ज्यादा खाने की आदत बन जाती है। इससे उसका वजन बढ़ जाता है। एमी ने यह स्पष्ट किया है कि इस रिसर्च में बच्चों के माता-पिता के बैकग्राउंड और जन्म के समय उनके वजन का ध्यान नहीं रखा गया है। क्योंकि बच्चे के बाद के वजन का उनके जन्म के समय के वजन से ज्यादा लेना-देना नहीं होता। यह सिर्फ उनके खान-पान से ही प्रभावित होता है। इसलिए इस रिसर्च में सबसे ज्यादा ध्यान उनके खाने और इसके तरीके का रखा गया है। एमी पहले भी बच्चों के व्यवहार पर किताब लिख चुकी हैं। उन्होंने 2014 में स्वांसिया यूनिवर्सिटी की ही मिशेल वी के साथ मिलकर किताब लिखी थी। 
ऐसे जानें कि बच्चा खुद खाने को तैयार है: एमी ने अपनी रिसर्च में इसके तीन तरीके बताए हैं। पहला, जब बच्चा खुद बैठने लगे और सिर स्थिर रख सके। दूसरा, जब वह चीजों को उठा सके और उन्हें नियंत्रित कर सके। तीसरा, वह खाने को चबा सके। अगर वह इसके लिए तैयार नहीं है तो खाना उगल देगा।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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