क्लियरकट गाइड लाइन, क्या करना है, कैसे करना है सब कुछ साफ-साफ। यहां तक की व्यवहार कैसा हो? इस बारे में भी सबकुछ स्पष्ट। शिक्षा विभाग की ओर से शुक्रवार को प्रदेश के 1100 स्कूलों में कक्षा दो से 10 तक के
स्किल पासबुक का आकलन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य यह जांचना था कि बच्चों की स्किल का लेवल कहां तक पहुंचा। इसमें सुधार की जरूरत है या सब कुछ ठीक चल रहा है। कार्यक्रम कहां कितना सफल रहा। सफल रहा तो इसकी वजह क्या है? असफल रहा तो इसकी वजह क्या है? यह जांचने के लिए एक साथ 1100 अलग-अलग अधिकारी इस काम में जुटे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। आकलन करने वाले अधिकारियों को शिक्षा विभाग की ओर से इस बारे में पहले से बता दिया था उन्हें एक जांच अधिकारी की तरह व्यवहार कतई नहीं करना। इस काम को करते हुए क्लास का माहौल दोस्ती वाला होना चाहिए। अक्सर जांच के वक्त जांच करने वाला थोड़ी सख्ती बरत लेता है। अधिकारी को बता दिया गया था कि जांच के वक्त क्योंकि छात्र भी होंगे और शिक्षक भी। इसलिए ऐसी कोई बात या व्यवहार नहीं करना, जिससे टीचर के सम्मान को ठेस लगे। इसके लिए जो आचार संहिता बनाई है, उसका पालन होना चाहिए। विभाग के एसीएस पीके दास ने बताया कि आकलन का परिणाम आने के बाद आगे की योजना बनाई जाएगी।
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साभार: भास्कर समाचार
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