इंडो-तिब्बतबॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के फर्जी नियुक्ति पत्र भेजकर 7 राज्यों में युवाओं काे ठगने का खुलासा होने के बाद अब खुफिया विभाग के नाम पर बेरोजगारों को झांसे में लिया जा रहा है। भारत सरकार के गृह
मंत्रालय का हवाला देकर खुफिया विभाग में नया विभाग बनाने का जिक्र करते हुए नियुक्ति पत्र भेजे जा रहे हैं। ऐसा ही एक नियुक्ति पत्र बिना आवेदन किए बालंद निवासी युवक के पास पहुंचा। इसमें साढ़े 15 हजार रुपए रिफंडेबल सिक्याेरिटी के रूप में मांगे गए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पत्र में हिदायत है कि राष्ट्र सुरक्षा के मद्देनजर विभाग का गठन गोपनीय है, लिहाजा इसकी जानकारी साझा करें। बिना आवेदन के नौकरी का पत्र मिलने और सिक्योरिटी के तौर पर साढ़े 15 हजार रुपए जमा कराने की बात पढ़कार युवक ने गांव के ही टीचर से संपर्क किया। दरअसल, इस टीचर के भाई के पास पिछले वर्ष आईटीबीपी का फर्जी नियुक्ति पत्र आया था। बिना आवेदन किए पत्र आने से साफ जाहिर है कि बड़े स्तर पर डाटा लीक हो रहा है। पत्र में दावा किया गया है कि 1480 पदों पर यह भर्ती की जा रही है।
रोहतक | पीजीआईएमएसमें वार्ड ब्वॉय लगवाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। सूर्या कॉलोनी निवासी अमित ने बताया कि डेढ़ माह पहले महम निवासी युवकों ने उसे पीजीआई में डीसी रेट पर 13 हजार रुपए महीने की नौकरी दिलाने की बात कही। इसके लिए उसने 4-4 हजार रुपए मांगे। अमित समेत करीब 50 लाेगों से पैसे लिए। 15 मई से पहले आरोपी ने उन्हें पीजीआई में बुलाया और कमरा नंबर 220 के बाहर ज्वाइनिंग लैटर दिए। नियुक्ति पत्र पर पीजीआईएमएस के एचओडी डॉ. वीरेंद्र सिंह के नाम की मुहर है, लेकिन हस्ताक्षर नहीं हैं। 22 मई को वे पीजीआई पहुंचे तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। पीड़ितों का कहना है कि जब वे इंदिरा कॉलोनी चौकी में शिकायत देने गए तो पुलिस ने कह दिया कि पंचायत लेकर आरोपी के परिजनों से मिलो।
खुफिया विभाग के नाम का फर्जी पत्र :
नियुक्तिपत्र में एक नंबर लिखा है। बताया गया है कि उक्त नंबर पर कॉल करके एक अकाउंट नंबर मिलेगा, जिस पर 48 घंटे पर साढ़े 15 हजार जमा कराने हैं, जो रिफंड कर दिए जाएंगे। मैंने जब कोई आवेदन ही नहीं किया तो अप्वाइंटमेंट लेटर कैसे गया। मेरे गांव के ही युवक के पास भी पिछले वर्ष ऐसा ही फर्जी लेटर आया था, इसलिए मैंने ध्यान नहीं दिया। - जितेंद्रकुमार, बालंद
ठगीमें आएं, केस दर्ज कराएं
^आईटीबीपीके फर्जी नियुक्ति पत्र की जांच जारी है। ठगों द्वारा भेजे जाने वाले इन पत्रों में मोबाइल नंबर अकाउंट फर्जी आईडी पर होते हैं। ऐसी ठगी में आएं और केस दर्ज कराएं। ट्रैप कर ठगों को पकड़ा जा सकता है। -अजीत, डीएसपी, फ्लाइंग स्क्वॉयड
{ चयनित उम्मीदवारों की सुरक्षा का जिम्मा गृह मंत्रालय का है। आपात स्थिति में कमांडो फोर्स साथ रहेगी।
{ माह की तीस तारीख तक वेतन खाते में पहुंच जाएगा।
{ पुलिस-प्रशासन, एमपी-एमएलए आपके मिशन में बाधा नहीं डालेंगे।
{ विशेष उपकरण दिए जाएंगे, जिनसे मोबाइल की लोकेशन, कॉल डिटेल्स आसानी से निकाल पाएंगे।
{ किसी को गिरफ्तार नहीं करना है। केवल उच्चाधिकारियों को सूचना देनी है। क्राइम ब्ांच कार्रवाई करेगी।
{ जमानत राशि 15.5 हजार जमा कराने के बाद प्रशिक्षण पत्र सात दिनों में भेज दिया जाएगा। मुंबई में तीन माह की ट्रेनिंग होगी।
{ आतंकी गिरोह के पर्दाफाश, बड़ी घटना रोकने आदि उपलब्धियों पर सम्मान प्रमोशन मिलेगा।
पत्र में लिखा है कि भारत में खुफिया विभाग, गुप्तचर एजेंसियां, इंटेलीजेंस ब्यूरो आदि सरकारी एजेंसियां पहले से कार्यरत हैं, लेकिन छोटे शहरों, कस्बों, नए शहरों में गैरकानूनी कार्य करने वाले ऐसे अपराधी हैं जो प्रशासन से मिलीभगत कर राष्ट्र को हानि पहुंचा रहे हैं। इसलिए केंद्र सरकार ने 11 जनवरी 2017 को स्टेट यूनिट ऑफ प्रोटेक्शन के रूप में नए विभाग का गठन किया है। इसका मकसद राष्ट्र सुरक्षा 1480 से ज्यादा बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराना है।
खुफिया विभाग मुंबई
के नाम से आया पत्र
गांवबालंद निवासी किसान जितेंद्र कुमार बीए पास है। उसने कभी किसी पद के लिए आवेदन नहीं किया, लेकिन दो दिन पहले उसके पास एक लेटर आया, जो स्टेट यूनिट ऑफ प्रोटेक्शन, भारत सरकार जुहू, मुंबई के पते से भेजा गया। लिफाफा खोला तो उसमें खुफिया विभाग के नाम का नियुक्ति पत्र निकला। उसमें लिखा था कि रोजगार संरक्षण कानून 2011 के अनुसार जूनियर खुफिया अधिकारी, चालक, चौकीदार चपरासी पद के लिए नियुक्ति पत्र उन बेरोजगारों को भेजे जा रहे हैं जिन्होंने सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया और असफल रहे। रोजगार कार्यालय से यह सूची ली गई। खुफिया विभाग द्वारा ऐसे युवकों को सरकारी नौकरी का पत्र भेजा जा रहा है।
ठगीमें आएं, केस दर्ज कराएं
^आईटीबीपीके फर्जी नियुक्ति पत्र की जांच जारी है। ठगों द्वारा भेजे जाने वाले इन पत्रों में मोबाइल नंबर अकाउंट फर्जी आईडी पर होते हैं। ऐसी ठगी में आएं और केस दर्ज कराएं। ट्रैप कर ठगों को पकड़ा जा सकता है। -अजीत, डीएसपी, फ्लाइंग स्क्वॉयड
{ चयनित उम्मीदवारों की सुरक्षा का जिम्मा गृह मंत्रालय का है। आपात स्थिति में कमांडो फोर्स साथ रहेगी।
{ माह की तीस तारीख तक वेतन खाते में पहुंच जाएगा।
{ पुलिस-प्रशासन, एमपी-एमएलए आपके मिशन में बाधा नहीं डालेंगे।
{ विशेष उपकरण दिए जाएंगे, जिनसे मोबाइल की लोकेशन, कॉल डिटेल्स आसानी से निकाल पाएंगे।
{ किसी को गिरफ्तार नहीं करना है। केवल उच्चाधिकारियों को सूचना देनी है। क्राइम ब्ांच कार्रवाई करेगी।
{ जमानत राशि 15.5 हजार जमा कराने के बाद प्रशिक्षण पत्र सात दिनों में भेज दिया जाएगा। मुंबई में तीन माह की ट्रेनिंग होगी।
{ आतंकी गिरोह के पर्दाफाश, बड़ी घटना रोकने आदि उपलब्धियों पर सम्मान प्रमोशन मिलेगा।
पत्र में लिखा है कि भारत में खुफिया विभाग, गुप्तचर एजेंसियां, इंटेलीजेंस ब्यूरो आदि सरकारी एजेंसियां पहले से कार्यरत हैं, लेकिन छोटे शहरों, कस्बों, नए शहरों में गैरकानूनी कार्य करने वाले ऐसे अपराधी हैं जो प्रशासन से मिलीभगत कर राष्ट्र को हानि पहुंचा रहे हैं। इसलिए केंद्र सरकार ने 11 जनवरी 2017 को स्टेट यूनिट ऑफ प्रोटेक्शन के रूप में नए विभाग का गठन किया है। इसका मकसद राष्ट्र सुरक्षा 1480 से ज्यादा बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराना है।
खुफिया विभाग मुंबई
के नाम से आया पत्र
गांवबालंद निवासी किसान जितेंद्र कुमार बीए पास है। उसने कभी किसी पद के लिए आवेदन नहीं किया, लेकिन दो दिन पहले उसके पास एक लेटर आया, जो स्टेट यूनिट ऑफ प्रोटेक्शन, भारत सरकार जुहू, मुंबई के पते से भेजा गया। लिफाफा खोला तो उसमें खुफिया विभाग के नाम का नियुक्ति पत्र निकला। उसमें लिखा था कि रोजगार संरक्षण कानून 2011 के अनुसार जूनियर खुफिया अधिकारी, चालक, चौकीदार चपरासी पद के लिए नियुक्ति पत्र उन बेरोजगारों को भेजे जा रहे हैं जिन्होंने सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया और असफल रहे। रोजगार कार्यालय से यह सूची ली गई। खुफिया विभाग द्वारा ऐसे युवकों को सरकारी नौकरी का पत्र भेजा जा रहा है।
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साभार: भास्कर समाचार
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