हिजबुलकमांडर सब्जार की मौत को लेकर दूसरे दिन भी कश्मीर बंद रहा। अलगावादियों के बंद को देखते हुए कई जिलों में दुकानें बंद रखी गईं। सडकों पर वाहनों की आवाजाही कम रही। सरकारी प्राइवेट कार्यालयों में भी
कर्मचारियों की हाजिरी काफी कम थी। हालात से निपटने के लिए अतिरिक्त जवानों की तैनाती रही। इस दौरान कुछ एक जगहों पर सुरक्षाबलों के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़पें भी हुईं। श्रीनगर के सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है। उधर, अलगाववादियों ने मंगलवार को त्राल चलो रैली आयोजित की है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सब्जार की मौत के बाद प्रशासन ने त्राल में रैली के मद्देनजर यहां लोगों के आने पर पहले से ही पाबंदी लगा दी है। हालात को देखते हुए अनंतनाग, शोपियां, कुलगाम, पुलवामा, बड़गाम, गांदरबल, बांडीपोरा, कुपवाड़ा बारामूला में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। मारे गए दोनों आतंकी त्राल के रहने वाले थे। उन्हें पुलवामा में मार गिराया गया था, इसलिए यह रैली निकाली जा रही है। सैय्यद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक समेत कई अलगावादी नेताओं को घरों में नजरबंद किया गया है। यासीन मलिक को हिरासत में लेकर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया। कश्मीर में सोमवार को भी शिक्षा संस्थान बंद रहे। परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। अमरनाथ यात्रा बड़ी चुनौती: 29जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा सरकार तथा सुरक्षाबलों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। आतंकी सब्जार की मौत के बाद कश्मीर में फिर से माहौल खराब होने लगा है। पिछले साल 8 जुलाई को मारे गए हिजबुल के आतंकी बुरहान की मौत की बरसी भी यात्रा शुरू होने के कुछ दिनों बाद रही है। अलगावादियों की तरफ से बरसी पर कई दिनों के बंद का प्लान किया जा रहा है। ऐसे में यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जाना प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है।
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साभार: भास्कर समाचार
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