नायब सूबेदार परमजीत सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार को सेना के हेलिकॉप्टर से तरन तारन के गांव वेईपुई स्थित घर पहुंचा। यहां पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। शहीद को विदा देने के
लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा। परमजीत ने कुछ समय पहले ही कच्चे घर की जगह पक्का मकान बनवाया था। परिवार यहां शिफ्ट होने ही वाला था। आज इसी घर में उनका शव पहुंचा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। शहीद परमजीत की पत्नी ने कहा, 'भारत सरकार को इसका मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए। पाकिस्तानी सैनिकों के सिर भी काटकर लाने चाहिए, तब उन्हें पता चलेगा कि कैसा महसूस होता है। उनके भाई रणजीत सिंह ने कहा, 'वो अमर रहें, बलिदान पर गर्व है।' पिता उधम सिंह ने कहा, 'परमजीत 10 मई को छुट्टी पर आने वाले थे, लेकिन उनकी शहादत की खबर गई। देश के लिए बलिदान सम्मान की बात है।
बेटे को शहादत का बदला लेने भेजूंगी सेना में: शहीद की पत्नी परमजीत कौर ने कहा कि उसे दुख के साथ गर्व भी है कि उनका पति देश के दुशमनों से लड़ाई करते हुए शहीद हुआ है। दुशमनों का बदला लेने के लिए अपने बेटे साहिलदीप सिंह को आर्मी में भर्ती करवाएंगी ताकि पिता की शहादत का बदला ले सके।
सरकार सबक नहीं लेती: शहीद परमजीत के भाई रणजीत ने कहा, 'ये पहली बार नहीं है जब हमारे फौजियों के साथ दुश्मन सेना ने ऐसा व्यवहार किया है। फिर भी हमारी सरकार ने कोई सबक नहीं लिया। अगर पिछली घटनाओं के बाद उसे मुंहतोड़ जवाब दिया गया होता, तो पाकिस्तान की इतनी हिमाकत हो ही नहीं सकती थी। ऐसे सलूक का बदला लेना सरकार की जिम्मेदारी है।'
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साभार: भास्कर समाचार
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