Saturday, July 30, 2016

सार्थक और संस्कृति मॉडल स्कूलों में शिक्षकों की डेपुटेशन गुणवत्ता के आधार पर

सार्थक और संस्कृति स्कूलों में शिक्षा के लेवल को बनाए रखने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब इन स्कूलों में सरकारी स्कूल से टीचर को सीधे ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। इसके लिए एक इंटरव्यू प्रक्रिया से गुजरना होगा। इंटरव्यू भी एक कमेटी लेगी, जिसकी मानिटरिंग भी शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी
करेंगे। इंटरव्यू का पैमाना इतना कड़ा होगा कि इसमें अव्वल आने वाले टीचर को ही यहां नियुक्ति मिलेगी। इसी शुरुआत हो रही है शनिवार से। पंचकूला के सार्थक स्कूल में नियुक्ति के लिए इंटरव्यू आयोजित होगा। सार्थक स्कूल के पैटर्न पर ही प्रदेश के 21 जिलों में संस्कृति मॉडल स्कूलों में भी यही नियम फॉलो किया जाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इससे पहले इन स्कूलों में टीचर की नियुक्ति के लिए कोई पॉलिसी नहीं थी। ऐसे में जिस भी टीचर ने इच्छा जाहिर कर दी, उन्हें ही यहां नियुक्त कर दिया जाता था। इसका असर यहां शिक्षा के स्तर पर भी पड़ रहा था। ऐसे में शिक्षा विभाग ने नई पॉलिसी तैयार की गई है। 
सरकार की ओर से नई बनाई गई पॉलिसी के अनुसार अब पहले यहां लगने वाले टीचर को पहले तो अप्लाई करना होगा। इसके बाद उनका इंटरव्यू होगा। इतना ही नहीं टीचर की अंग्रेजी बहुत अच्छी होनी चाहिए। शैक्षणिक योग्यता 60 प्रतिशत से अधिक होनी चाहिए। तभी यहां टीचर को नियुक्ति मिलेगी। 

अब विशेष कैटेगरी में रखे जाएंगे अध्यापक: सार्थक संस्कृति स्कूल में काम करने वाले टीचर को विशेष कैटेगरी में रखा जाएगा। यानी उनका तबादला या तो होगा ही नहीं, यदि किया जाएगा तो लंबे समय के बाद ही होगा, ताकि पढ़ाई पर असर पड़े। अक्सर यहां के स्कूलों में कोई भी टीचर भर्ती कर लिया जाता था, जबकि यह स्कूल सरकारी स्कूलों से हट कर एक उद्देश्य के तहत बनाए गए हैं। इसलिए यहां पढ़ाई का जो स्तर तय है, वह बना रहे इसको लेकर यह निर्णय शिक्षा निदेशालय की ओर से लिया गया है। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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