Monday, July 25, 2016

छठी कक्षा के बच्चों को सीनियर्स ने उकसाया, अपने ही घरों में करवा दी चोरी, परिजनों पर 5100 रुपए जुर्माना

झज्जर शहर के कुछ घरों में कई बार हुई चोरी का खुलासा हुआ तो चौकाने वाली बात सामने आई। चोरी कोई और नहीं घरों के ही बच्चे करते थे और उन्हें मजबूर किया था उनके स्कूल की बड़ी कक्षाओं के छात्रों ने। चोरी करने पर सीनियर मारपीट करते थे। घरों में चोरी होने पर बड़े आपस में ही एक-दूसरे पर शक करते थे। विवाद भी होता था। खुलासा एक बच्चे के सहपाठी ने किया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पुलिस ने बच्चों के भविष्य को देखते हुए 6 सीनियर छात्रों को सिर्फ समझाइश दी। लेकिन उनके परिजनों पर 5100-5100 का जुर्माना किया गया। यह रकम एक मंदिर में दान कर दी गई। 
यह कहानी गुजरी 7वीं कक्षा छात्र के साथ। पिताने बताया कि वह ढाकाला गांव का रहने वाले हैं और कुछ समय पहले शहर में मकान बनाया है। बेटा 7वीं में पढ़ता है। उनके परिचित का बेटा भी 7वीं में पढ़ता है। उसने अपने पिता को बताया कि अंकल के बेटे की कुछ बच्चे जमकर पिटाई करते हैं। उनको गलत कामों के लिए मजबूर किया जाता है। यदि बात नहीं मानता है तो वे सभी उग्र हो जाते हैं। ये बच्चे उसकी जान भी ले सकते हैं। हो सके तो यह बात उनके पापा को बता दो, लेकिन मेरा नाम नहीं लेना। यदि ऐसा हुआ तो वे मुझे भी नहीं छोड़ेंगे। ये बच्चे स्टेडियम में आने वाले कुछ और बच्चों के साथ भी ऐसा ही करते हैं। परिचित से पीड़ित बच्चे के पिता को पता चला तो मामले में छानबीन हुई तो चोरी और बच्चों की पिटाई का राज खुला। इसी प्रकार से इनकी पिटाई का शिकार एक अन्य स्कूल का बच्चा भी हुआ। इनसे संपर्क स्टेडियम में आने-जाने से हुआ। स्थिति यह रही कि दोनों ही बच्चे कई महीनों से अपने-अपने घर से पैसे चोरी करते रहे और अबतक एक से डेढ़ लाख रुपए की चोरी करके सीनियरों को दे चुके थे। शनिवार को जब इस मामले का खुलासा हुआ, तब सीनियर बच्चों पर कार्रवाई करने के लिए सिटी थाने में दो अभिभावकों की ओर से शिकायत दी गई। उनका कहना था कि घर में बार -बार चोरी हो रही थी। इसे लेकर एक बार तो पत्नी के साथ विवाद हो गया। शक यही था कि इतनी बड़ी रकम बच्चा नहीं निकाल सकता है। अब तक उनके कई हजार रुपए चोरी हो चुके हैं, लेकिन घर के विवाद का राज अब खुला है कि कैसे एक मासूम को चोर बनने के लिए स्कूल के ही कुछ बच्चे मजबूर करते थे। 

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साभार: भास्कर समाचार 
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