Monday, July 25, 2016

पेरेंटिंग: बच्चों को स्मार्टफोन देने की क्या है 'सही उम्र'

कुछ समय पहले माता-पिता यह सोचते थे कि बच्चों को कार की चाबी कब दी जानी चाहिए। अब माता-पिता सवाल करते हैं कि बच्चों को स्मार्टफोन देने की सही उम्र क्या है? स्मार्टफोन निश्चित रूप से इंटरनेट के निर्बाध इस्तेमाल का गैजेट है। इसके लाभ हैं तो कई नुकसान भी हैं, लेकिन कहीं भी इसकी गाइडलाइन नहीं है कि
बच्चों को स्मार्टफोन कब दिया जाए। रिसर्च फर्म 'इनफ्लुएंस सेंट्रल' की रिपोर्ट के अनुसार बच्चे औसत 10 वर्ष की उम्र में स्मार्टफोन हासिल कर रहे हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जबकि 2012 में यह औसत उम्र 12 थी। इंटरनेट सेफ्टी विशेषज्ञों के अनुसार कुछ बच्चों के लिए स्मार्टफोन की यह उम्र और भी कम है। यानी कक्षा 2 में पड़ने वाले बच्चे या 7 वर्ष की उम्र वाले। इनफ्लुएंस सेंट्रल के चीफ एग्जीक्यूटिव स्टेसी डेब्रोफ कहती हैं, मैं समझती हूं कि यह उम्र ज्यादातर बच्चों में ट्रेंड बन रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि माता-पिता भी बच्चों को स्मार्टफोन देते-देते थकने लगे हैं। कॉमन सेंस मीडिया के चीफ एग्जीक्यूटिव जेम्स पी. स्टेनर कहते हैं, इसका एक कारण प्रतिरोध भी है। मेरे ही परिवार में कई तरह के नियम बहुत सख्त हैं। जैसे, हमारे यहां बच्चे हाईस्कूल जाने पर ही स्मार्टफोन का उपयोग कर सकते हैं। इस तरह वे संयम रखना सीखते हैं और फेस-टू-फेस संपर्क स्थापित करते हैं, जो उनकी उम्र के लिए बहुत जरूरी है। स्टेनर के अनुसार माता-पिता ही यह तय कर सकते हैं कि बच्चे स्मार्टफोन का उपयोग कब शुरू करें। ऐसा इसलिए क्योंकि सभी बच्चे समान नहीं होते हैं, उनकी उम्र को लेकर कोई मैजिक नंबर नहीं है। 
ऐसे में फिर सवाल उठता है कि क्या इसकी कोई गाइडलाइन होनी चाहिए? इस बारे में इंटरनेट सेफ्टी विशेषज्ञों के इंटरव्यू किए गए और उसके साथ ही बच्चों के स्मार्टफोन उपयोग को लेकर हुए शोध पर बातें की गई। मैंने माता-पिता को यही सलाह दी कि वे बच्चों के लिए स्मार्टफोन उपयोग के नियम बनाएं, हो सके तो यह जानने की कोशिश करें कि वे उसका कैसा उपयोग कर रहे हैं। इस तरह वे अपने बच्चों को 'सुरक्षित' बनाए रख सकते हैं। कुछ विशेषज्ञों ने बताया कि आइडियल उम्र 12 हो सकती है, तो कुछ ने कहा कि 14 वर्ष। इस पर ज्यादातर माता-पिता सहमत भी हुए क्योंकि कम उम्र में स्मार्टफोन के उपयोग के नुकसान ज्यादा हैं। इसका गंभीर नुकसान होमवर्क को लेकर होता है। इंटरनेट सेफ्टी स्पीकर जेसी वेनबर्जर ने 70 हजार बच्चों के सर्वे में पाया कि 5वीं कक्षा का बच्चा स्मार्टफोन का वह उपयोग करता है, जो नहीं करना चाहिए। 8 साल का बच्चा वह देखने लगता है, जो गलत है। 11 साल की उम्र में उसकी आदत हो जाती है। 

कॉमन मीडिया सेंस के शोध में 1240 माता-पिता और बच्चों को शामिल किया गया। 50 फीसदी बच्चों ने स्वीकारा कि उन्हें स्मार्टफोन की लत लग चुकी है। 66 फीसदी माता-पिता ने कहा कि उनके बच्चे मोबाइल फोन का बहुत ज्यादा उपयोग करते हैं। उनमें 52 फीसदी के बच्चों ने यह स्वीकार भी। 36 फीसदी माता-पिता ने कहा कि उनकी इस विषय पर बच्चों से बहस होती है। बच्चे अगर नियंत्रण से बाहर होते हैं, तो इसका संबंध बायोलॉजी से है। 
© The New York Times 
फायदे और नुकसान:

  • बच्चे अगर पढ़ाई से जुड़े एप का इस्तेमाल करते हैं, तो बहुत फायदे हैं। चैप एप से वे दोस्तों से जुड़े रहते हैं और सूचनाओं का सागर उनके पास होता है। 
  • बच्चे अगर गेम्स, गलत चीज़ें और सोशल मीडिया में फर्जी लोगों से जुड़े रहते हैं, तो इसके गंभीर नुकसान हैं। पिछले साल ही कोलेराडो के 100 स्कूली बच्चों का स्कैंडल इसका उदाहरण है। 
छीनने से कुछ नहीं होगाजेसीवेनबर्जर कहती हैं, स्मार्टफोन छीनेंगे, तो उनके पास कम्प्यूटर-टेबलेट भी हैं। जरूरत बच्चों को समझाने और 'पैरेंटल सुपरविज़न' की है। माता-पिता को यह देखना होगा कि बच्चों को स्मार्टफोन की जरूरत है या नहीं। एक विकल्प बेसिक फोन भी है, जिसमें बात और मैसेज ही हो सकते हैं। स्मार्टफोन उपयोग के नियम हो सकते हैं, जैसे माता-पिता कहें कि खाना खाते समय फोन नहीं चलेगा और ककषा में टीचर ऐसा कहें। अगर नियम टूटा तो, फोन लिया जा सकता है।

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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