काले हिरण और चिंकारा (हिरण की एक प्रजाति) शिकार के दो मामलों में फिल्म अभिनेता सलमान खान जेल की सजा से बच गए हैं। जोधपुर स्थित राजस्थान हाईकोर्ट की न्यायाधीश निर्मलजीत कौर ने सोमवार को सलमान को बरी करने के बारे में फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि इस बात के सबूत नहीं हैं कि मारे गए चिंकारा
के शरीर में जो छर्रे मिले, वे सलमान की लाइसेंसी बंदूक से चलाई जाने वाली गोली के थे। वर्ष 1998 के इन दो मामलों में निचली अदालत ने सलमान को एक साल और पांच साल जेल की सजा सुनाई थी। सलमान ने इसके खिलाफ अपील की थी। राजस्थान सरकार भी सजा की अवधि बढ़वाने के लिए हाईकोर्ट आई थी। 1998 में सलमान जोधपुर में ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग करने आए थे। उसी समय सलमान समेत कई फिल्मी कलाकारों के खिलाफ काला हिरण और चिंकारा के शिकार के तीन मामले दर्ज किए गए थे। जिन दो मामलों में सलमान की हाईकोर्ट से सोमवार को रिहाई हुई है, उनमें निचली अदालत ने ही फिल्म अभिनेता सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, तब्बू और नीलम को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। सलमान के खिलाफ काला हिरण शिकार और आर्म्स एक्ट उल्लंघन का एक-एक मामला अब भी निचली अदालत में है।
सलमान सिर्फ 18 दिन जेल में रहे: निचली अदालत ने सलमान को 26-27 सितंबर, 1998 को जोधपुर के पास घोड़ाफार्म काला हिरण शिकार मामले में 5 साल जबकि 26-27 सितंबर, 1998 को भवाद चिंकारा शिकार मामले में एक साल की सजा सुनाई थी। कुल मिलाकर हिरण शिकार के तीन मामलों में सलमान 1998 में न्यायिक सुरक्षा में 18 दिन जेल में रह चुके हैं। पहली बार सलमान को वन विभाग ने 12 अक्टूबर, 1998 को हिरासत में लिया। वह 17 अक्टूबर तक जेल में रहे। घोड़ाफार्म मामले में 10 अप्रैल, 2006 को पांच साल की सजा सुनाई गई। तब वह छह दिन जेल में रहे। इसके बाद सेशन कोर्ट ने इस सजा की पुष्टि की, तब 26 से 31 अगस्त, 2006 तक फिर सलमान जेल में रहे।
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साभार: जागरण समाचार
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