नए शैक्षणिक सत्र में कॉलेज व यूनिवर्सिटी आने वाले छात्रों के साथ किसी प्रकार की शरारत पुराने छात्र या सहपाठी नहीं कर पाएंगे। कॉलेज प्रशासन के एंटी रैगिंग सेल के साथ अब पुलिस की निगाहें भी परिसर में ही शरारती तत्व को खोजती नजर आएगी। पहली बार पुलिस एंटी रैगिंग सेल तैयार करेगी। जिसमें शामिल
पुलिस कर्मचारी रैगिंग रोकने के लिए न केवल कदम उठाएंगे बल्कि पूर्व की इस तरह की शिकायतों में शामिल छात्रों पर नजर भी रखेंगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हिसार रेंज के आइजी ओपी सिंह ने रैगिंग रोकने को लेकर रेंज के सभी पुलिस अधीक्षकों को दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। इन आदेशों में कहा गया है कि कैंपस पुलिस की स्थापना की जानी चाहिए, शिक्षण संस्थाओं के नियम कायदों की जानकारी रखने वाले पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी शिक्षण संस्थाओं को लेकर बनाई जाने वाली बीट में लगाई जाये जिसमें महिला व पुरुष कर्मचारी पर्याप्त संख्या में नियुक्त हो ताकि वे व्यवस्था को बेहतर बनाने में काम कर सके। निर्देशों में यह भी कहा गया है कि डीएसपी व एसएचओ कॉलेज व यूनिवर्सिटी प्रशासन से मिलकर उन्हें आंतरिक रैगिंग निरोधी व्यवस्था तैयार करने पर जोर देंगे। हास्टल इंचार्ज भी सीधे पुलिस के संपर्क में रहेगा और ऐसी कोई जानकारी मिलते ही पुलिस से सांझा करेगा। छात्रओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं रोकने लिए भी महिला थाना की जिम्मेवारी तय कर दी है। महिला थाना प्रबंधक को विशेष पेट्रोलिंग पार्टियां बनानी होंगी जो छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकेंगी।
तत्काल होगी अनुपालना: पुलिस प्रवक्ता सुरजीत सहारण ने बताया कि पुलिस के आला अधिकारियों की ओर से कालेज व विश्वविद्यालयों में रैगिंग रोकने के लिए निर्देश दिये गये हैं। इन निर्देशों के तहत पुलिस रैगिंग रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। कालेज प्रशासन से भी तालमेल बनाया जायेगा।
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साभार: जागरण समाचार
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