Wednesday, March 2, 2016

जाट आंदोलन के समय संदिग्ध भूमिका वाले पुलिस अधिकारियों को बदला

प्रदेश सरकार ने जाट आंदोलन के दौरान संदिग्ध भूमिका वाले पुलिस अधिकारियों के पर कतरने शुरू कर दिए हैं। दिल्ली में हुई भाजपा कोर ग्रुप और विधायक दल की बैठकों से लौटते ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पुलिस प्रशासन में बड़ा फेरबदल कर दिया। सोमवार को दिल्ली में हुई विधायक दल के बैठक में भी यह बात
जोरदार ढंग से उठी थी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसके बाद राज्य सरकार ने कैथल के विवादित पुलिस अधीक्षक कृष्ण मुरारी का तबादला कर दिया। वह भाजपा सांसद धर्मबीर के भाई हैं। करनाल के पुलिस अधीक्षक पंकज नैन से एसपी कमांडो का कार्यभार लेकर मुरारी को सौंप दिया है। झज्जर के विवादित एसपी सुमित कुमार को भी सरकार ने हटा दिया है। वह एचपीएस होते हुए भी झज्जर के एसपी थे। उनके विरुद्ध झज्जर की डीसी अनीता यादव ने सरकार के पास रिपोर्ट भेजकर सहयोग नहीं करने की शिकायत दी थी। उन्हें मुरारी के स्थान पर कैथल का एसपी बनाया गया है। डीजीपी क्राइम डॉ. केपी सिंह को उनके वर्तमान कार्यभार के साथ ही पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह के नेतृत्व वाली कमेटी के साथ अटैच किया गया है।
होमगार्ड के आइजी परमजीत अहलावत को इसी पद पर टेलीकम्युनिकेशन विभाग में भेजा गया है। परमजीत वही अधिकारी हैं, जिन्हें उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव देवेंद्र सिंह के साथ मुरथल कांड की शुरुआती जांच के लिए भेजा गया था। देवेंद्र सिंह और परमजीत अहलावत दोनों उस समय सोनीपत में ही तैनात थे। मुरथल में दुष्कर्म नहीं होने की सरसरी रिपोर्ट देने के बाद देवेंद्र व परमजीत पर जाति विशेष के अफसर होने को लेकर अंगुली उठी थी। रेवाड़ी के एसपी बलवान सिंह को वहां से हटाकर गुड़गांव में डीसीपी वेस्ट लगाया गया है। उनकी जगह आइआरबी चतुर्थ बटालियन मानेसर की कमांडेंट संगीता रानी को भेजा गया है। संगीता की जगह गुड़गांव से कुलविंदर सिंह को भेजा गया है। यमुनानगर के एसपी अरुण नेहरा को जशनदीप सिंह रंधावा की जगह अंबाला अरबन का डीसीपी बनाया गया है। रंधावा को एसपी झज्जर लगाया गया है। एसीपी गुड़गांव सुमेर प्रताप सिंह को एसपी यमुनानगर भेजा गया है।भाजपा हाईकमान द्वारा खुलकर काम करने का निर्देश मिलने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक बुला ली है। बैठक में बजट सत्र की तारीख की घोषणा संभव है। मुख्यमंत्री ने दंगा पीड़ितों के चार माह के बिजली बिल माफ करने का भी एलान किया है। उन सभी उपभोक्ताओं को बिजली बिलों की अदायगी से छूट प्रदान की जाएगी, जिनके आवास या वाणिज्यिक संपत्ति 15 से 22 फरवरी तक क्षतिग्रस्त हुए या लूटे गए हैं।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभारजागरण समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.