पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। मंगलवार को रोहतक रेंज के आइजी संजय कुमार ने बताया कि देशद्रोह के मुकदमे में नामजद प्रोफेसर के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी कर दिया है। यदि वह पुलिस जांच में सहयोग नहीं करते हैं तो उनकी गिरफ्तारी की जा सकती है। उम्मीद है कि वह बुधवार या बृहस्पतिवार को अपने बयान दर्ज कराने के लिए पुलिसके सामने आ सकते हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। गौरतलब है कि भिवानी की एमसी कालोनी के रहने वाले रिटायर कैप्टन पवन कुमार अंचल ने सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह और कैप्टन मान सिंह ने हिंसा को भड़काने का काम किया। इस पर पुलिस ने जांच शुरू करते हुए प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह को समन भेजकर 28 फरवरी तक बयान दर्ज कराने के लिए कहा था। इसके बाद प्रोफेसर के अधिवक्ता ने बयान दर्ज कराने के लिए सात दिन का समय मांगा था, लेकिन पुलिस ने मात्र तीन दिन का समय दिया। बुधवार को यह समय पूरा हो रहा है। वहीं दलाल खाप प्रवक्ता कैप्टन मान सिंह दलाल ने पुलिस का नोटिस मिलने से इन्कार किया है। उन्होंने कहा इस मामले में पुलिस की ओर से एफआइआर दर्ज करने और उसमें उनका नाम होने की जानकारी भी उन्हें मीडिया के जरिये ही मिली है। गृह सचिव पीके दास ने बताया कि इनवेस्टीगेशन से जुड़े विषय मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं होते। यह जांच एजेंसी अथवा पुलिस बताएगी कि प्रोफेसर को दिए गए नोटिस और गिरफ्तारी वारंट का क्या स्टेटस है।
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साभार: जागरण समाचार
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