स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए शुरू किया गया मासिक टेस्ट का फायदा छात्रों में ज्यादा नहीं दिख रहा है। अर्धवार्षिक परीक्षा के बाद राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एससीईआरटी) के टेस्टिंग एंड असेसमेंट विंग ने अपने विश्लेषण में पाया कि अगस्त महीने के मुकाबले सितंबर के रिजल्ट में गुड़गांव समेत कई जिले के रिजल्ट में गिरावट आई है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सोनीपत के साथ पहले पायदान पर रहे गुड़गांव इस बार चौथे पायदान पर पहुंच गया है। हरियाणा में शिक्षा का अधिकार कानून लागू करने के बाद पहली बार अर्धवार्षिक परीक्षा ली गई थी। परीक्षा के बाद एससीईआरटी ने प्रदेश भर के स्कूलों का डाटा लेकर विश्लेषण किया। जिसमें सोनीपत प्रदेश में अव्वल रहा। महेंद्रगढ़ दूसरे, झज्जर तीसरे और रेवाड़ी पहुंच गया है।
मासिक टेस्ट मॉनिटरिंग सिस्टम के जरिये शिक्षा विभाग सभी स्कूलों का शिक्षा स्तर जानने में जुटा है। जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान की मदद से विश्लेषण किया जा रहा है। इसके लिए सभी डाइट के जरिये अससेमेंट को ध्यान में रखकर टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम बनाया जा रहा है।
- एसएस सिंधु, प्रभारी, टेस्टिंग एंड असेसमेंट विंग, एससीईआरटी
फरीदाबाद और पलवल की हालत खराब: रिजल्ट विश्लेषण के बाद कुछ जिले के लिए एससीईआरटी ने खतरे की घंटी बताया है। प्रदेश में औसत 5 फीसदी से भी अधिक की गिरावट कुछ जिले में हुई है। कुरुक्षेत्र में 9 फीसदी, करनाल और कैथल में 8 फीसदी गिरावट हुई है। जबकि फरीदाबाद, पंचकूला, पानीपत और फतेहाबाद में 7 फीसदी गिरावट हुई है। सिरसा, हिसार और यमुनानगर में 6 फीसदी है। इस विश्लेषण के लिए फरीदाबाद के 95 फीसदी और पलवल के 92 फीसदी स्कूलों ने अपना डाटा विभाग को भेजा। जबकि अन्य जिले में 98 फीसदी से अधिक रहा।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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