त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है। त्योहार पर बाजार में मिठाइयों की खूब बिक्री होती है। लागत कम करने और ज्यादा मुनाफे के चक्कर में कई लोग मिलावटी मावे की मिठाई बेचते हैं। यह सेहत के लिए हानिकारक है। इसके अलावा दूध, मसाले और अन्य खाने-पीने की चीजों में मिलावट आम है। वैसे तो डॉक्टर और प्रशासन सलाह देता है कि इस त्योहार के सीजन में घर में बने पकवान का ही उपयोग करें, लेकिन फिर भी मावा और दूध जैसी चीजें बाजार से ही लेनी पड़ती हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा
डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हम आज आपको कुछ घरेलू उपाय बता रहे हैं, जिससे आप घर में ही मिलावट की पहचान कर सकते हैं और अपने व अपने परिवार की सेहत का ख्याल रख सकते हैं।
मावा: त्योहारों पर अक्सर कई टन मिलावटी मावा पकड़ा जाता है। मिलावट की सबसे अधिक संभावना भी इसी में होती है। मावा में सिंथेटिक दूध, मैदा, वनस्पति घी, आलू, आरारोट मिलाया जाता है।
कैसे पहचानें मिलावट:
- मावा पर फिल्टर आयोडिन की दो से तीन बूंद डालें। यदि मावा काला पड़ जाता है तो इसमें मिलावट है।
- मावा चखने पर थोड़ा कड़वा और रवेदार महसूस होगा तो इसमें वनस्पति घी की मिलावट है।
- मावा लेते वक्त उंगलियों पर मसल के देखें, यदि वह दानेदार है तो यह मिलावटी मावा हो सकता है।
दूध: दूध में डिटर्जेंट, पानी और सिंथेटिक मिलाया जाता है। डिटर्जेंट और सिंथेटिक दूध सेहत के लिए खतरनाक होता है।
कैसे पहचानें मिलावट:
- आधा कप दूध को उतने ही पानी में मिलाएं, यदि झाग निकलता है तो उसमें डिटर्जेंट हो सकता है।
- सिंथेटिक दूध का स्वाद अच्छा नहीं होता। दूध को उंगलियों के बीच रगड़ें। साबुन जैसा लगे तो सिंथेटिक दूध हो सकता है या दूध गर्म करने पर पीला हो जाए तो भी यह सिंथेटिक दूध हो सकता है।
- दूध की थोड़ी सी मात्रा किसी सतह पर डालें, यदि दूध लकीर बनाते हुए फैले तो इसका मतलब है कि उसमें पानी ज्यादा मिला हुआ है।
घी: देसी घी में आलू, आरारोट और रिफाइंड भी मिलाया जाता है। इससे घी का स्वाद बदल जाता है। साथ ही, ज्यादा दानेदार भी नहीं होता। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।
कैसे पहचानें:
- दस एमएल घी में कुछ बूंदे हाइड्रोक्लोरिक एसिड की कुछ बूंदे मिलाएं। थोड़ी देर बाद इसे मिलाएं, यदि घी का रंग लाल या गुलाबी हो जाता है तो इसका मतलब है कि घी में मिलावट है।
- घी में आलू मिला होने की जांच करने के लिए इसमें आयोडीन सोल्यूशन की थोड़ी-सी मात्रा डालें। घी का रंग नीला हो जाएगा। नीला रंग घी में स्टार्च की मात्रा को साबित करता है।
गेहूं का आटा: दीपावली में पाउडर, चावल की पॉलिश, चूना, चॉक पाउडर जैसे पदार्थ मिलाए जाते हैं। इससे शुद्ध गेहूं के आटे का स्वाद ही बदल जाता है।
मिलावट कैसे पहचानें:
- आटा गूंथने पर यदि मैदे जैसा लगे और रोटियां टूट जाएं तो इसमें चावल की पॉलिश की मिलावट हो सकती है।
- आटा में चूना मिला होने पर रोटी सामान्य से ज्यादा सफेद दिखेगी। खाने के बाद पेट में दर्द भी हो सकता है।
पनीर: पनीर में स्टार्च मिला दिया जाता है। पनीर की खपत भी त्योहारी सीजन में बढ़ जाती है।
मिलावट कैसे पहचानें:
- पनीर को पानी में उबालकर ठंडा कर लें। इसके बाद इसमें थोड़ा-सा आयोडीन सोलूशन डालें, नीला रंग स्टार्च की मिलावट साबित कर देगा।
मसालों में मिलावट:
- दालचीनी की छाल आसानी से टूट जाती है, जबकि कैसिया बार्क को तोड़ने में ताकत लगती है।
- हल्दी पाउडर में लकड़ी के बुरादे की मिलावट: एक चम्मच हल्दी पाउडर लें, उसे परखनली में डालें। उसमें कान्सेंट्रेटेड हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालें। अगर गुलाबी रंग आए, तो उसमें पानी डालें। उसके बाद भी रंग न बदले, तो मिलावट। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।
- खड़ी हल्दी में लेड क्रोमेट की मिलावट: एक गिलास पानी में खड़ी हल्दी डालें। अगर रंग पीला हो, तो उसमें मिलावट है।
- मिलावटी हींग की पहचान:हींग में चाक, आटा, सोप, स्टोन या स्टार्च मिलावट: हींग अगर कपूर की भांति जले, तो 100 शुद्ध।
- काली मिर्च में पपीते के बीज की मिलावट: एक गिलास अल्कोहल में बीज डालें। उतराने वाले बीज पपीते के हैं। अगर काली मिर्च के खोखले बीज हुए भी,तो वे जरा-सा दबाने पर टूट जाएंगे, जबकि पपीते के नहीं।
सेब: त्योहार में व्रत के दौरान सेब काफी खाया जाता है। सेब की चमक के आधार पर विक्रेता इसकी कीमत ज्यादा वसूलते हैं। ज्यादा चमक वाला सेब फायदेमंद नहीं, बल्कि बेहद घातक हो सकता है। सेब के ऊपर मोम लगाने से यह ज्यादा चमकने लगता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। एक ब्लेड को सेब के ऊपर हल्का-सा खरोच कर देंगे, यदि कुछ सफेद पदार्थ निकलता है तो समझिए इस पर मोम की परत चढ़ाई गई है। यह सेब बिल्कुल न खाएं।
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साभार: भास्कर समाचार
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