सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड का दायरा बढ़ा दिया है। अब इसका इस्तेमाल पीएफ, पेंशन स्कीमों, प्रधानमंत्री जनधन योजना और मनरेगा के लिए भी किया जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार को इसकी इजाजत दे दी। शीर्ष अदालत का यह फैसला सरकार के लिए बेहद राहत भरा है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। चीफ जस्टिस एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने 11 अगस्त को दिए अपने उस अंतरिम आदेश में बदलाव कर दिया है, जिसमें सिर्फ एलपीजी और जन वितरण प्रणाली के लिए आधार के इस्तेमाल की इजाजत दी गई थी। हालांकि पीठ ने सरकार को 23 सितंबर 2013 के उस आदेश का सख्ती से पालन करने केलिए कहा है, जिसमें कहा गया था कि ऐसे व्यक्ति को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से महरूम नहीं रखा जा सकता, जिसके पास आधार न हो। पांच सदस्यीय पीठ ने स्पष्ट किया कि जब तक आधार की संवैधानिक वैधता को लेकर बड़ी पीठ का निर्णय नहीं आ जाता तब तक आधार पूरी तरह से स्वैच्छिक रहेगा।
क्या कहा कोर्ट ने: अगर एलपीजी, पीडीएस के लिए आधार के इस्तेमाल की इजाजत मिली हुई है तो अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए क्यों नहीं मिलनी चाहिए। यह ध्यान रखें कि कोर्ट के उस आदेश (23 सितंबर 2013) का सख्ती से पालन हो, जिसमें कहा गया है कि वैसे व्यक्ति को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से महरूम नहीं रखा जा सकता, जिसके पास आधार न हो। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।
मनरेगा, जन-धन समेत कई सामाजिक स्कीमों में इस्तेमाल की भी इजाजत: लेकिन अदालत ने सरकार को 23 सितंबर 2013 के आदेश का सख्ती से पालन करने के लिए भी कहा।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला काफी मददगार साबित होगा। इससे हम बैंकिंग सेवाओं में इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। यह वित्तीय समावेश को और आसान बनाएगा। - रघुराम राजन, गवर्नर, भारतीय रिजर्व बैंक
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साभार: अमर उजाला समाचार
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