Monday, May 4, 2015

स्कूलों में सुबह के समय योग कर सकता है स्वास्थ्य खराब

सरकारी स्कूलों में हर रोज सुबह आते ही बच्चों को योग करवाया जाता है। हर कोई मानता है कि योग स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद ही नहीं, बल्कि जरूरी है। मगर सरकारी स्कूलों में योग की जो विधि अपनाई जा रही है, वह योग के नियमों के हिसाब से सही नहीं है। योग शिक्षकों के मुताबिक योग के लिए पहली शर्त ये है कि खाली पेट
होना चाहिए। मगर सरकारी स्कूलों में योग सुबह करवाया जाता है, जबकि बच्चे घर से नाश्ता करके आए होते हैं। अब विभाग ये भी सलाह नहीं दे सकता कि बच्चे खाली पेट आएं, क्योंकि सुबह खाली पेट आना भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। लगभग छह घंटे तक खाली पेट घूमना बच्चों के लिए मुश्किल हो जाता है। स्कूलों में बच्चों के आयरन, फोलिक एसिड व एलबेंडाजोल आदि की टेबलेट खिलाई जाती हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग की भी हिदायत है कि सुबह बच्चे खाना खाकर आएं। खाली पेट रहना गर्मी में तो और ज्यादा नुकसानदायक है। इससे एसिडिटी की शिकायत हो सकती है और सुबह प्रार्थना के समय चक्कर आने की मुख्य वजह भी यही होती है। ऐसे में बच्चों के लिए सुबह नाश्ता करके आना मजबूरी भी है और स्वास्थ्य के लिहाज से आवश्यक भी है। मगर दिक्कत ये है कि उन्हें आते ही योग करवाया जाता है। योग के कई आसन ऐसे हैं जो सिर्फ खाली पेट ही करवाए जाने चाहिए। यदि खाना खाने के बाद योग करवाया जाता है तो किसी भी प्रकार का विकार हो सकता है। मगर व्यवस्था के सामने शिक्षक व बच्चे, दोनों ही लाचार हैं। क्योंकि अधिकारियों की तरफ ही हिदायत मिली है कि योग रोजाना करवाया जाए।
साभार: जागरण समाचार
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