चीन से तनातनी के बीच भारत, अमेरिका व जापान की नौसेनाओं ने सोमवार को सबसे बड़ा अभ्यास शुरू कर दिया। बंगाल की खाड़ी में पांच दिनों तक तीनों देश एक दूसरे से अपनी रणनीति साझा करेंगे। इससे तीनों के
बीच सैन्य गठबंधन में खासी मजबूती आने की संभावना है। युद्धाभ्यास में 95 विमान, 16 जहाज व दो पनडुब्बियों को शामिल किया गया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। बंगाल की खाड़ी में अमेरिकी जहाज निमित्ज, गाइडेड मिसाइल क्रूज प्रिंसटन, गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रायर हावर्ड, शूप, किड, ए पॉसीडान पी-8ए विमान व लास एंजिलिस की तेज रफ्तार पनडुब्बी की क्षमता का प्रदर्शन हो रहा है। इसके साथ जापान का जहाज जेएस आइजूमो, एसएस सजानी और भारत का जलस्वा व आइएनएस विक्रमादित्य भी अपने शौर्य का एहसास करा रहा है। निमित्ज विश्व का सबसे बड़ा विमान वाहक पोत है। अभ्यास के दौरान तीनों सेनाएं एक दूसरे से वे तमाम पहलू साझा करेंगी जिन्हें समुद्री युद्ध में अनिवार्य माना जाता है। इसमें त्वरित हमले करने के साथ अपने बचाव के गुर शामिल हैं। इसके साथ समुद्री तट की निगरानी के साथ बचाव कार्य व घायल सैनिकों को तत्काल चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराना भी शामिल है।
अमेरिका के रियर एडमिरल विलियम डी बर्न जूनियर का कहना है कि साझा अभ्यास न केवल चीन के लिए रणनीतिक संदेश है बल्कि उत्तर कोरिया व उस जैसे कई और देशों को भी हमारी चेतावनी है। उधर, भारत के फ्लैग अफसर ईस्टर्न नेवल कमांड के कमांडिंग इन चीफ एचसीएस बिष्ट ने कहा कि इससे हमें एक दूसरे की तकनीक व मजबूत पक्ष को समझने में सहायता मिलेगी। उनका कहना है कि चीन को इसके जरिये कोई संदेश देने की बात तर्कसंगत नहीं है, क्योंकि इसके आयोजन की रूपरेखा एक साल पहले तैयार हो गई थी, सिक्किम में तनाव हाल ही में शुरू हुआ है।
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साभार: जागरण समाचार
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