दक्षिण कश्मीर में ब्रेंठी दियालगाम (अनंतनाग) में शनिवार को सुरक्षाबलों ने लगभग नौ घंटे चली मुठभेड़ में अच्छाबल हमले के मास्टरमाइंड बशीर लश्करी उर्फ अबू उकाशा को उसके एक पाकिस्तानी साथी अबू माज संग
मार गिराया। सुरक्षाबलों ने लश्करी द्वारा बंधक बनाए गए 7 ग्रामीणों को भी मुक्त करा लिया है। इस दौरान क्रॉस फायरिंग में एक महिला और हिंसा में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हिंसक झड़पों में सुरक्षाकर्मियों समेत लोग घायल हो गए। इनमें सात की हालत गंभीर बताई गई है। मुठभेड़ के दौरान तीन मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए।
मुठभेड़ में मारे गए बशीर लश्करी ने ही 6 जून को अच्छाबल में पुलिस दल पर घात लगाकर हमला किया था। इसमें अच्छाबल के थाना प्रभारी फिरोज अहमद डार समेत छह पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। लश्करी को इस हमले के बाद पुलिस ने डबल ए-श्रेणी का आंतकी घोषित कर उसपर पहले से घोषित 0 लाख रुपये के इनाम को बढ़ाकर लाख रुपये कर दिया था। जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने लश्करी और उसके पाकिस्तानी साथी अबू माज के मारे जाने की पुष्टि की है। उन्होंने लश्करी का खात्मा करने के लिए पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के जवानों की सराहाना की। जानकारी के अनुसार शनिवार तड़के करीब चार बजे सुरक्षाबलों ने ब्रेंठी दियालगाम के बाहरी छोर पर स्थित टेंगवारी गांव में छिपे बशीर लश्करी को पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया। जवानों को ठिकाने की तरफ आते देख आतंकियों ने गोलियां चलाते हुए भागने का प्रयास किया, लेकिन जवानों ने जवाबी फायर कर उन्हें मुठभेड़ में उलझा लिया। आतंकियों ने वापस मकान में शरण लेते हुए आठ लोगों को बंधक बना लिया, जबकि नौ और ग्रामीण वहां फंस गए। इस बीच बड़ी संख्या में लोगों ने सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान क्रॉस फायरिंग में आकर स्थानीय 40 वर्षीय महिला ताहिरा की मौत हो गई। उसकी मौत के बाद लोग हिंसा पर उतर आए।
बशीर मरा: बशीर के घर बशीर लश्करी गत सप्ताह पैतृक गांव सोफ में सुरक्षाबलों की घेराबंदी से बच निकला था, लेकिन शनिवार को जिस जगह टेंगवारी में वह मारा गया, वह उस मकान मालिक का नाम भी बशीर अहमद गनई है।पथराव के बीच दहशतगर्दो के चंगळ्ल से बचाया लोगों को जवानों ने आतंकियों की गोलियों और भीड़ के पथराव के बीच दहशतगर्दो द्वारा मानव ढाल बनाए गए आठ लोगों समेत वहां फंसे 7 लोगों को भी बचाने की कवायद की। सुबह बजे तक 3 लोगों को निकाला गया, जबकि एक बुजुर्ग व तीन महिलाको एक घंटे के दौरान आतंकियों के चंगुल से मुक्त कराया गया। इस बीच कुछ युवकों ने सुरक्षाबलों के हथियार छीनने का प्रयास किया।
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साभार: भास्कर समाचार
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