Tuesday, July 11, 2017

जम्मू कश्मीर मानवाधिकार आयोग की सिफारिश: पत्थर बाजों की भीड़ से सुरक्षित निकलने के लिए जीप से बांधे गए डार को 10 लाख रुपए दे राज्य सरकार

जम्मू कश्मीर मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार से फारूक अहमद डार को 10 लाख रुपए देने को कहा है। डार वही है जिसे सेना के मेजर ने चुनाव के दौरान पत्थरबाजों की भीड़ से सुरक्षित निकलने के लिए जीप से बांधा
था। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। आयोग के मुताबिक डार को ये पैसा बेइज्जती, शारीरिक जुल्म, तनाव, कैद और क्रूरता सहन करने के लिए दिया जाना चाहिए। राज्य मानवाधिकार आयोग के प्रमुख जस्टिस (रिटायर्ड) बिलाल नाजकी के मुताबिक इसमें कोई शक नहीं कि डार ने अत्याचार और बेइज्जती सहन की थी। हो सकता है उन्हें ताउम्र इस तनाव के साथ रहना पड़े। आयोग के मुताबिक राज्य की पुलिस इस घटना की पुष्टि कर चुकी है और राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती। भले राज्य सरकार सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की मदद लेती है लेकिन लोगों के अधिकारों की सुरक्षा उसके जिम्मे है। 
आयोग ने अगले छह हफ्तों में राज्य सरकार से इन निर्देशों का पालन करने को कहा है। ये फैसला सिफारिश है और उसे अमल में लाने के लिए राज्य सरकार की अनुमति चाहिए होगी। छह हफ्तों के दौरान ही राज्य के प्रमुख सचिव आयोग को रिपोर्ट देंगे। 
ये फैसला एहसान अंतू की याचिका पर आया है। आयोग के मुताबिक इस केस में सेना को निर्देश नहीं दिए जा सकते क्योंकि सेना पर मानवाधिकार एक्ट 1993 पूरी तरह लागू नहीं होता। आयोग इस वजह से असमर्थ महसूस कर रहा है। इस घटना के बाद सेना प्रमुख ने डार के जीप से बांधने वाले मेजर गोगोई को सम्मानित किया था। 

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साभार: भास्कर समाचार 
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