Wednesday, May 3, 2017

भारत-पाक के बीच कश्मीर मसले को सुलझाने में चीन के अपने स्वार्थ

भारत पाकिस्तान के बीच कश्मीर मसला सुलझाने के लिए मध्यस्थता करने में चीन के अपने स्वार्थ शामिल हैं। चीन ने पीओके से गुजरने वाले चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर में 50 अरब डॉलर लगाए हैं। चीन के अखबार
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक यही वजह है कि चीन इलाके में बड़ी भूमिका निभाना चाहता है। चीन ने रोहिंग्या शरणार्थियों के मामले में म्यांमार और बांग्लादेश के बीच भी मध्यस्थता की थी। वह भले दूसरे देशों के अंदरूनी मामलों में दखल दे पर अपने देश के विदेशी इन्वेस्टमेंट की सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं कर सकता। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। अखबार के मुताबिक चीन को समझना होगा कि किसी क्षेत्र में समस्या सुलझाने से पहले खुद उसे स्थिर शक्ति के रूप में व्यवहार करना होगा। उसे भारत जैसे बड़े देशों के साथ कैसे डील करना है ये महत्वपूर्ण होगा। कश्मीर मसले पर मध्यस्थता चीन के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण होगा। यह पहला मौका है जब चीन के मीडिया ने कश्मीर में उसकी भूमिका को लेकर चर्चा शुरू की है।
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साभार: भास्कर समाचार 
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