Sunday, November 13, 2016

दो तीन हफ़्तों तक और रहेगा 'नोट संकट'

नोट बंदी के फैसले के चौथे दिन भी जनता को राहत मिलती नहीं दिखी। सरकार व रिजर्व बैंक की मुस्तैदी के बावजूद बैंकों और एटीएम के पास पर्याप्त नकदी नहीं पहुंच पाई। लोगों की भीड़ नए नोट लेने के लिए बैंक व
एटीएम के चक्कर लगाती रही। इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि जनता की दिक्कतें अभी दो से तीन हफ्तों तक और बरकरार रह सकती है। असल में देश भर के दो लाख से अधिक एटीएम को नए नोटों के लायक अभी बनाया भी नहीं जा सका है और न ही नए 500 के नोट को प्रचलन के लिए उतारा जा सका है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। आम जनता की परेशानियों और सामान्य बैंकिंग सेवा हासिल करने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आरबीआइ व देश के प्रमुख बैंकों के साथ अहम बैठक की। इसके बाद उन्होंने जनता को हो रही दिक्कतों का खेद जताया, लेकिन जनता से धीरज से काम लेने की अपील की। जेटली ने माना कि यह बहुत बड़ा काम है। रातोंरात संपन्न नहीं किया जा सकता। पुराने 500 व 1000 के नोट बदलने का काम 30 दिसंबर तक जारी रहेगा। जेटली ने कहा कि जहां तक बैंकों के एटीएम सामान्य तौर पर करने की बात है, तो इसमें दो से तीन हफ्ते का वक्त लगेगा।
500 के नए नोट का इंतजार: बैंकों की मानें तो आम जनता की समस्या के लिए बहुत हद तक 500 के नए नोटों की अनुपलब्धता जिम्मेदार है। एटीएम अभी सिर्फ 100 रुपये के नोट ही ले रहे हैं। ऐसे में हर व्यक्ति को 20 नोट दिए जा रहे हैं, लेकिन अगर पांच सौ के नोट हों तो हर व्यक्ति को चार नोट मिलेंगे। इससे ज्यादा राशि बैंकिंग प्रणाली में जा सकेगी। वित्त मंत्री ने कहा है कि 500 के नोटों छपाई जारी है। 
बदलें नहीं जमा करें नोट: बैंकों के सामने लगी लंबी कतार के पीछे एक बड़ी वजह यह है कि बड़ी संख्या में लोग पुराने नोटों को बदलने आ रहे हैं। अगर यह नोट बैंक खाते में जमा करवा दिए जाए तो ग्राहक बाद में भीड़ कम होने पर निकासी कर सकते हैं। 
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साभारजागरण समाचार 
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