हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद् ने सेंटर फॉर साइंस ऑफ स्टूडेंट लर्निग के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर कर स्कूली बच्चों में सीखने की क्षमता का आंकलन करने के लिए करार किया है। राज्य के मूल्यांकन
कार्य और नीति तथा आंकलन सेल (एससीईआरटी) के अधिकारियों को पाठ्यक्रम कार्यक्रमके माध्यम से आंकलन में निपुण किया जाएगा। यह कार्यक्रम पांच वर्ष तक चलेगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। मौजूद समय तक राज्य में बोर्ड परीक्षा, स्कूल में परीक्षा और बड़े पैमाने पर उपलब्धि सर्वेक्षण में केवल इसी बात पर जोर दिया जाता रहा है कि कक्षा में कुल कितने बच्चे पास हुए और किसने कितना स्कोर प्राप्त किया।
इन सर्वेक्षणों में इस पर ध्यान नहीं दिया जाता कि बच्चे ने क्या सीखा और कितनी अच्छी तरह सीखा। इस कारण बच्चों में रट्टा प्रवृत्ति बढ़ने लगी है। कार्यक्रम में प्रमाणित पाठ्यक्रम प्रोग्राम के माध्यम से राज्य के आरईएपी व आकलन सेल (एससीइआरटी) के अधिकारियों में उच्च स्तर की सीखने आंकलन विशेषज्ञता विकसित की जाएगी। यह संपूर्ण पाठ्यक्रम एक परास्नातक पाठ्यक्रम के समकक्ष बनाया गया है। यह पाठ्यक्रम सीखने के आंकलन के मूल्यांकन के साथ-साथ राज्य में उसको लागू करने का सैद्धांतिक आधार प्रदान करेगा।
शिक्षा विभाग हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने कहा कि इस प्रकार के प्रोजेक्ट की राज्य में लंबे समय से प्रतीक्षा रही है। कार्यRम की संस्थापक और कार्यकारी निदेशक विजैयंती शंकर ने कहा कि पूरा प्रोग्राम विशेषज्ञों और शैक्षिक माप की अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा विकसित किया गया है। टीम के पास संपूर्ण एशिया के 15 मिलियन से अधिक छात्रों के डेटा संग्रहण, डेटा का विश्लेषण करने तथा कई भाषाओं में बड़े पैमाने पर मूल्यांकन उपकरण का निर्माण करने का अनुभव है।
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साभार: जागरण समाचार
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