नोट बंदी के असर को लेकर केंद्र सरकार ऊपर से चाहे जितना भी आत्मविश्वास दिखाये अंदर से वह चिंतित भी है। खास तौर पर जिस तरह से इस फैसले के खिलाफ विपक्ष एकजुट हो रहा है और नोट प्रवाह नहीं बढ़ने से आम जनता को होने वाली दिक्कतें थमने का नाम नहीं ले रही है उसकी काट खोजने की भी कोशिश हो रही है। इस
संदर्भ में नोट बंदी के फैसले के बाद पकड़े गये काले धन या अघोषित आय पर लगाये गये जुर्माने की राशि बहुत अहम साबित होने जा रही है। सरकार की मंशा इस मद में जमा राशि पर लगने वाले जुर्माने का उपयोग ग्रामीण विकास में खर्च करने की है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। वित्त मंत्रलय के सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी का साफ तौर पर यह निर्देश है कि नोट बंदी के फैसले का सीधा फायदा ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों और गरीब जनता को पहुंचाने की व्यवस्था होनी चाहिए। इस बात का उल्लेख उन्होंने 08 नवंबर, 2016 को अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में भी किया था। कैबिनेट में भी दो दिन पहले जब बैंकों में काला धन जमा कराने वालों के खिलाफ जुर्माना आदि लगाने के विषय पर चर्चा हुई तो यह बात सामने आई कि इस राशि का किस तरह से इस्तेमाल होना चाहिए। इस बात पर सभी सहमत थे कि देश का जो भी काला धन है वह गरीबों का हक मार कर जमा किया गया है इसलिए इन पर पहला हक उन्हीं का है। हक दिलाने का सबसे बेहतर तरीका यह है कि घोषित काले धन पर लगने वाली पेनल्टी का उपयोग गांवों व गरीबों से संबंधित विकास योजनाओं में किया जाए। अगले वित्त वर्ष के आम बजट में ग्रामीण विकास व गरीबों को राहत देने वाली केंद्रीय परियोजनाओं को इससे वित्त पोषित किया जाएगा।अभी इस बात का अंदाजा तो नहीं है कि इस प्रावधान से कितनी राशि खजाने में आएगी लेकिन अधिकारी यह भरोसा जता रहे हैं कि यह राशि काफी ज्यादा हो सकती है। 10 नवंबर से 24 नवंबर, 2016 के बाद देश के तमाम बैंकों व डाक घरों में 6.50 लाख लाख करोड़ रुपये जमा करवाये गये हैं।1सिर्फ जन धन खातों में जमा राशि ही इस दौरान 21 हजार करोड़ रुपये बढ़ कर 66,600 करोड़ रुपये हो गई है। इनमें कितना हिस्सा काले धन के तौर पर चिन्हित होता है यह तो जांच के बाद ही तय होगा। लेकिन सरकार को इसका अंदाजा जल्द हो जाएगा क्योंकि सारी जांच एजेंसियां इस काम में लग गई हैं। पीएम मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में नोट बंदी के बाद बैंक खातों में जमा काले धन पर भारी जुर्माना लगाने का प्रस्ताव किया गया है। इसके लिए सरकार ने आय कर कानून में संशोधन करते हुए आय का सही स्नोत नहीं बता पाने वाले लोगों से घोषित राशि का 60 फीसद जुर्माना लेने का प्रस्ताव किया है।
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साभार: जागरण समाचार
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