पीएसीएल (पर्ल्स) में लाखों उपभोक्ताओं के अरबों रुपए जमा हैं। ग्राहकों को चकमा देकर कंपनी रातोंरात फरार हो गई थी, जिसे लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत चीफ जस्टिस आरएम लोढा को जांच सौंपी थी। उन्होंने सरकार को रिपोर्ट भेज दी है, जिसमें कंपनी की जमीन नीलाम कर उपभोक्ताओं की पेमेंट लौटाने का
फैसला दिया गया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद पीजीएफ कंपनी ने रुपयों का लेनदेन शुरू किया था। उपभोक्ताओं को अधिक ब्याज कमीशन का लालच देकर गांव स्तर पर पैठ जमाई। अधिक टर्नओवर बढ़ने पर कंपनी ने नाम बदलकर पीएसीएल रख लिया। इसके बाद एजेंटों को सीएमडी पुरस्कार अन्य लालच देकर आर्थिक लेन-देन बढ़ाती रही। अरबों रुपए की देनदारी होने पर कंपनी मैनेजमेंट फरार हो गया। परेशान उपभोक्ता पिछले 7-8 सालों से प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंप रहे थे। रिपोर्ट के मुताबिक पीएसीएल कंपनी द्वारा अर्जित जमीन की ऑनलाइन नीलामी होगी। जमीन खरीदारों में यूटीआई, इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विस, एचडीएफसी तथा एसबीआई कैपिटल मार्केट प्रमुख हैं। इन कंपनियों ने सरकार को स्वीकृति भेज दी है।
रिकार्ड की जरूरत पड़ेगी, संभालकर रखें ग्राहक: सत्यव्रत शास्त्री ने बताया कि जस्टिस लोढा कमेटी की सिफारिश पर विभिन्न एजेंसियां जमीन खरीदने को तैयार हो गई हैं। जिसकी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद नीलामी प्रक्रिया शुरू होगी। ग्राहकों को वित्तीय लेनदेन का रिकार्ड संभालकर रखना चाहिए। उसी के हिसाब से भुगतान होगा।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.