आगामी सत्र 2017-18 में देशभर के सरकारी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में फीस बढ़ाने की तैयारी हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार विश्वविद्यालयों के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए बजट बढ़ाने की तैयारी में है। खास बात यह है कि सरकारी स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए उच्च सरकारी शिक्षण
संस्थानों में उनकी फीस में रियायत का चार्ट भी तैयार किया जा रहा है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। एमएचआरडी के वरिष्ठ अधिकारी इसके पीछे तर्क देते हैं कि अभी डीयू के प्रतिष्ठित कॉलेजों में छात्रों की सालाना फीस प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी के बच्चे की फीस से कम है। ऐसे में अगर उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है और यूथ को उच्च शिक्षण संस्थानों में मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराना है तो इसके लिए जरूरी हो जाता है कि सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों की फीस में बढ़ोत्तरी की जाए। उनका कहना है कि एमएचआरडी अगले सत्र तक सभी सरकारी विश्वविद्यालयों और सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों को वर्ल्ड इंस्टीट्यूट घोषित करने जा रही है।
मेधावियों को फीस में छूट: सूत्र बताते हैं कि योजना के तहत बारहवीं कक्षा तक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले उन मेधावी छात्रों के लिए भी प्रावधान किया जा रहा है, जो अच्छे अंक पाते हैं लेकिन उच्च शिक्षण संस्थानों में महंगी फीस के कारण पढ़ नहीं पाते। उच्च शिक्षण संस्थानों में ईडब्ल्यूएस श्रेणी की सीमा 4 लाख रुपए तक किए जाने पर विचार चल रहा है।
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साभार: भास्कर समाचार
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