Sunday, November 20, 2016

प्रेम विवाह किए युगल के घर घुसकर 'गुंडों' ने बरसाई गोलियां, सास-ससुर, पति की मौत, महिला और देवर की हालात नाजुक, 8 माह का गर्भस्थ शिशु बचाया

चार साल पहले अंतरजातीय विवाह किए दंपती के घर में घुसकर बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग में परिवार के तीन सदस्यों की हत्या कर दी। दो अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। दोनों को पीजीआई में भर्ती कराया गया है।खरखौदा की बरोणा रोड पर महावीर कॉलोनी में यह बर्बर हत्याकांड शुक्रवार देर रात का है। हमलावरों में एक
महिला भी बताई जा रही है। पुलिस काे ऑनर किलिंग की आशंका है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। एससी समुदाय के प्रदीप ने ऊंची जाति की झज्जर की सुशीला से कोर्ट में शादी की थी। दो साल तक पति-पत्नी घर से बाहर रहे। इस दौरान उन्हें और उनके घर वालों को धमकियां मिलती रहीं। कुछ समय पहले ही दोनों खरखौदा में रहने लगे थे। कॉलोनी की करीब 20 फीट चौड़ी गली में प्रदीप का मकान है। रात में प्रदीप, सुशीला 3 वर्षीय बच्ची के साथ सोए थे। दूसरे कमरों में उसका भाई सूरज, मां सुनीता और पिता सुरेश सो रहे थे। कार में आए हमलावरों ने रात में सीधे प्रदीप का दरवाजा खटखटाया। दरवाजा खुलते ही उस पर गोलियां बरसा दीं। 
मौत से लड़ रही पीजीआई में भर्ती सुशीला ने शनिवार सुबह बेटे को जन्म दिया। ऑपरेशन के जरिए समय से पहले पैदा हुए बच्चे को पीकू (पिडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) में रखा गया है। डॉक्टरों ने बताया कि जब युवती को लाया गया ताे चुनौती थी। एक गोली मुंह को चीरते हुए गर्दन में थी, एक हाथ में, तीसरी कमर और पेनक्रियाज से होते हुए पेट तक पहुंच गई। गनीमत रही गोली ने गर्भस्थ शिशु को छुआ नहीं। गोली बच्चेदानी में लग जाती तो जहर फैलने का खतरा था। बच्चे की धड़कन नॉर्मल मिलते ही डॉक्टरों ने सीजेरियन डिलीवरी का फैसला किया। बच्चे का वजन 2.2 किलोग्राम है। वह ठीक है। सुशीला की हालत नाजुक है। उसकी गर्दन में फंसी गोली अभी निकाली नहीं जा सकी है। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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