नोटबंदी के दौर में डिफॉल्टर कंज्यूमर से बिजली बिलों की बकाया राशि वसूलने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार ने दो नई स्कीमें शुरू की हैं। इनमें एक स्कीम के तहत डिफॉल्टर कंज्यूमर अगर 3 साल तक रेगुलर बिल जमा करवाने के साथ ही बकाया राशि का भुगतान करते हैं तो ब्याज, जुर्माना और सरचार्ज राशि माफ कर दी जाएगी।
जबकि दूसरी स्कीम के तहत 5 किलोवाट तक के स्वीकृत लोड वाले शहरी ग्रामीण उपभोक्ता अपने खराब मीटर बदलवाते हैं तो उनके मीटर लेबोरेट्री में नहीं भेजे जाएंगे, बल्कि उनसे मीटर लोड अथवा एमडीआई के तहत औसतन बिल ही वसूला जाएगा। पूरी बकाया राशि एक मुश्त जमा करवाने पर उन्हें 5 प्रतिशत की छूट मिलेगी। यह बकाया राशि 24 नवंबर तक 1000-500 के पुराने नोटों में भी जमा करवाई जा सकती है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को यहां इन स्कीमों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि सरकार ने ऐसे उपभोक्ताओं को भी राहत देने का फैसला किया है, जिनके परिवार में बिजली कनेक्शन किसी बुजुर्ग के नाम था और अब वे इस दुनिया में नहीं रहे हैं। संयुक्त परिवार होने के कारण बिजली बिल की राशि जमा नहीं हो रही है। ऐसे मामलों में अगर कोई एक व्यक्ति भी अपने हिस्से की राशि जमा करवाता है तो उसके यहां बिजली कनेक्शन लगा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहली योजना का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में उन नॉन इंडस्ट्रियल उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा जिनके यहां 2 किलोवॉट तक स्वीकृत लोड के कनेक्शन हैं। भले ही उनका कनेक्शन चालू है अथवा डिफॉल्टर होने के कारण कट गया है। अगर किसी उपभोक्ता की राशि बहुत ज्यादा है तो वह 6 समान किस्तें भी करवा सकता है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 2 किलोवाट तक लोड वाले उपभोक्ताओं की संख्या 12 लाख 87 हजार है। इनमें से 11 लाख 60 हजार उपभोक्ताओं पर बिजली बिलों की 4000 करोड़ रुपए की राशि बकाया है। इसमें 2540 करोड़ रुपए की मूल राशि और 1482 करोड़ रुपए ब्याज एवं जुर्माना है। अगर सभी लोग बकाया राशि जमा करवाते हैं तो 1482 करोड़ रुपए की राशि माफ हो जाएगी।
स्वैच्छिक घोषणा स्कीम-2016: इस स्कीम में 5 किलोवाट तक लोड वाले सभी शहरी और ग्रामीण उपभोक्ता इसके लिए पात्र होंगे। अगर उनका मीटर खराब है तो वे स्कीम लागू होने के बाद बिजली कंपनियों को सूचना देकर मीटर बदलवा सकते हैं। उनका मीटर 3 दिन में बदला जाएगा। ऐसे मीटरों को लेबोरेट्री नहीं भेजा जाएगा। बल्कि मीटर लोड अथवा एमडीआई के आधार पर एक साल का औसत बिल दिया जाएगा। बिल की राशि एकमुश्त जमा कराने पर 5 प्रतिशत की छूट मिलेगी। जिन कंज्यूमर के बिल पहले उतार लिए गए हैं, वे अगर स्कीम में शामिल होते हैं तो उन्हें 10 दिन में बिल जारी कर दिया जाएगा।
केवल 7 फीडरों पर मिल रही है 21 घंटे बिजली: सीएम मनोहर लाल ने बताया 'म्हारा गांव जगमग गांव' स्कीम में 1000 गांव और 264 फीडरों को शामिल किया गया था। इस स्कीम के सकारात्मक परिणाम मिले हैं और रिकवरी बढ़ी है। अब इनमें से 7 फीडर ऐसे हैं जहां 21 घंटे बिजली सप्लाई की जा रही है। जबकि बाकी फीडरों पर 15 घंटे बिजली मिल रही है। उन्होंने कहा कि बिजली की कोई कमी नहीं है, लेकिन पैसे नहीं रहे हैं, इसलिए लोगों को बिजली भी नहीं मिल रही है। जैसे-जैसे रिकवरी में सुधार होगा वैसे-वैसे सरकार टैरिफ कम करने पर भी विचार करेगी। बिजली कंपनियों के सीएमडी शत्रु जित कपूर ने दावा किया कि पिछले सालों की तुलना में लाइन लॉसेज में 5 से 10 फीसदी की कमी आई है। चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक यह 25 फीसदी होने की संभावना है।
ये है सरचार्ज माफी योजना: स्कीम 20 नवंबर से 31 दिसंबर, 2016 तक लागू रहेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में 2 किलोवाट लोड वाले नॉन इंडस्ट्रियल कंज्यूमर इसके लिए पात्र होंगे। समस्त बकाया राशि एकमुश्त जमा कराने पर 5 प्रतिशत की छूट मिलेगी। एकमुश्त जमा करवाने पर 6 समान मासिक किस्तें भी करवाई जा सकती हैं। सरचार्ज माफी का लाभ 3 साल में रेगुलर बिल जमा करवाने पर मिलेगा। पहले साल 40 प्रतिशत, अगले साल 30 प्रतिशत और उसके अगले साल 30 प्रतिशत सरचार्ज माफ होगा। अगर किसी उपभोक्ता ने पहले साल बिल जमा करवाए और 40 प्रतिशत सरचार्ज माफी का लाभ ले लिया है। उसके बाद वह लगातार 3 बिल भरने में डिफॉल्टर होता है तो उस आगे सरचार्ज माफी का लाभ नहीं मिलेगा। दो साल लगातार बिल जमा करवाने पर 70 प्रतिशत सरचार्ज ही माफ होगा। संयुक्त परिवार के मामलों में अपने हिस्से की बकाया राशि का भुगतान करके अपना कनेक्शन जारी करवाया जा सकता है।
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साभार: भास्कर समाचार
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