हरियाणा सरकार ने राज्य की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पहले चरण में राज्य की करीब 1200 अवैध कॉलोनियां नियमित की जाएंगी। इसके लिए इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को 1000 से 1500 रुपये वर्ग गज की दर से विकास शुल्क जमा कराना होगा। इसी पैसे से अवैध कॉलोनियों में
विकास कार्य कराए जाएंगे। करीब 700 कॉलोनियां नगर निगमों में और 500 कॉलोनियां नगर परिषद व पालिकाओं में हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्री समूह की बैठक में अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। शहरी निकाय मंत्री कविता जैन ने इसका प्रस्ताव रखा। भाजपा विधायक दल की पिछले दिनों मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में भी विधायकों ने अवैध कॉलोनियों को नियमित करने और उनमें विकास कार्य कराने का मुद्दा उठाया था।
बैठक में तय हुआ कि एनसीआर के प्रमुख दो शहरों गुरुग्राम और फरीदाबाद में अवैध कॉलोनियों को नियमित कराने के लिए प्रत्येक मकान अथवा प्लाट धारक को 1500 रुपये प्रति वर्ग गज की दर से विकास शुल्क देना होगा। राज्य के बाकी 19 जिलों में यह राशि 1000 रुपये प्रति वर्ग गज की दर से वसूल की जाएगी। यह राशि न केवल कालोनियों को नियमित कराने के लिए होगी, बल्कि इसे विकास शुल्क के रूप में भी माना जाएगा।प्रत्येक ऐसी अवैध कॉलोनी को तभी नियमित किया जाएगा, जब उसमें रहने वाले 50 फीसदी लोग विकास शुल्क जमा करा देंगे। उदाहरण के लिए यदि किसी कॉलोनी में 200 परिवार रहते हैं तो उसमें से 100 परिवारों द्वारा विकास शुल्क जमा कराने के बाद ही कॉलोनी को नियमित करने की प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाया जाएगा।
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साभार: जागरण समाचार
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