Sunday, November 20, 2016

मोटी नकदी जमा कराने वालों को नोटिस भेजे जाने शुरू

नोटबंदी के बाद दूसरों के काले धन को अपने खातों में जमा कराने वालों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। सरकार उनके खाते में आई पाई-पाई का हिसाब लेगी। इस दिशा में तत्परता दिखाते हुए आयकर विभाग ने सैकड़ों नोटिस जारी किए हैं। इनमें ऐसे लोगों और कंपनियों से आय का स्रोत बताने को कहा गया है जिन्होंने 8 नवंबर
के बाद खातों में 500 और 1000 के नोट में बड़ी राशि जमा की है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में पूरे देश में जांच शुरू हो गई है। विभाग ने आयकर अधिनियम की धारा 133 (6) के तहत नोटिस जारी किए हैं। यह कानून उसे सूचना लेने का अधिकार देता है। बैंकों की तरफ से बताया गया कि कुछ मामलों में उनके खातों में असामान्य रूप से बड़ी मात्र में नकदी जमा कराई गई है। इनमें खासतौर से वे खाते हैं जिनमें अचानक ढाई लाख से ज्यादा जमा कराए गए हैं। नोटिस उन्हीं मामलों में जारी किए जा रहे हैं जहां विभाग को संदेह है कि ऐसा काले धन को छुपाने के लिए किया गया है। नोटिसों में पुराने नोटों में जमा कराई गई राशि और तारीख बताने को कहा गया है। इनके पक्ष में दस्तावेज, लेखा और बिल मांगे गए हैं। नोटिस कहती है कि अगर विभाग ने आपका आकलन किया है तो बीते दो साल के आयकर रिटर्न की प्रति भी दर्ज करें। 
प्रधानमंत्री की ओर से 8 नवंबर को नोटबंदी के एलान के बाद विभाग ने रियल एस्टेट कंपनियों, सराफा कारोबारियों और संदिग्ध हवाला डीलरों के खिलाफ भी सर्वे ऑपरेशन बढ़ा दिए हैं। बंद हो चुके नोटों के अवैध इस्तेमाल को रोकने के मकसद से ऐसा किया गया है। इसी तरह की जांच सहकारी बैंकों में भी की गई है। मंगलोर में एक मामले में पाया गया कि आठ करोड़ रुपये मूल्य की पुरानी करेंसी को पांच सोसाइटी के साथ बदला गया। इनके वहां के सहकारी बैंक में खाते थे। 
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साभारजागरण समाचार 
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