Thursday, November 24, 2016

हाईकोर्ट में ढींगरा आयोग के गठन का रिकाॅर्ड तलब, 8 दिसंबर तक रिपोर्ट नहीं की जाएगी सार्वजनिक

रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ समेत गुरुग्राम के भूमि सौदों की जांच करने वाले जस्टिस एसएन ढींगरा आयोग के गठन का रिकाॅर्ड पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने तलब किया है। जस्टिस एके मित्तल जस्टिस रामेंद्र जैन की बेंच ने मामले पर अगली सुनवाई 8 दिसंबर के लिए तय की है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने ढींगरा आयोग के गठन
पर सवाल उठाते हुए रिपोर्ट खारिज करने की मांग को लेकर याचिका लगाई है। इस पर बुधवार को सुनवाई हुई। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हुड्‌डा की ओर से पैरवी करते हुए कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, 'सरकार रिपोर्ट से छेड़छाड़ कर सकती है। उसके खिलाफ जाने वाली बातों को रिपोर्ट से हटाकर याची (भूपेंद्र हुड्डा) की छवि खराब करने वाली बातों का प्रचार किया जा सकता है। ऐसे में रिपोर्ट में याची के खिलाफ की गई टिप्पणियों को खारिज किया जाए। कोर्ट की बिना अनुमति के रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाए और इसे सील कवर में पेश करने के निर्देश दिए जाएं।' इस पर हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि अगली सुनवाई तक रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होगी। सिब्बल ने कहा, 'गुरुग्राम के सेक्टर-83 में काॅमर्शियल कॉलोनी बनाने के लिए दिए गए लाइसेंसों की जांच के लिए 13 मई 2015 को सीएम ने निजी तौर पर दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज एसएन ढींगरा आयोग का गठन किया। अगले दिन कैबिनेट की मंजूरी लिए बिना अधिसूचना जारी कर दी गई, जिसे सही नहीं ठहराया जा सकता। आयोग का गठन गलत ढंग से हुआ। ऐसे में इसे खारिज किया जाए।'
ये हैं कुछ ख़ास सवालों पर जस्टिस ढींगरा के जवाब:
Q. भूपेंद्र हुड्‌डा ने आयोग के गठन को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। आपका क्या कहना है। 
A. मजाकिया लहजे में...हुड्‌डा साहब यह करें कि मेरे से फीस ही वापस मांग लें। 
Q.क्या रिपोर्ट में हुड्‌डा के नाम का कहीं कोई जिक्र है। 
A.ये रिपोर्ट से ही पता लगेगा। हुड्‌डा को पता होगा। खबर पढ़ी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उनका नाम रिपोर्ट में है। 
Q.जांच रिपोर्ट में क्या है। 
A.अनियमितता हुई है। मैंने एनालिसिस किया है। रिपोर्ट में यही बताया है कि यह डॉक्यूमेंट है, यह नियम है और क्या हुआ है। 
और ये जवाब दिए भूपेंद्र हुड्डा ने कुछ सवाल पूछे जाने पर : 
Q. आयोग का गठन करीब डेढ़ साल पहले हुआ। सीएम को रिपोर्ट सौंपे भी तीन माह हो गए है। इतने समय बाद आयोग को चुनौती क्यों। 
A.आयोग ने मुझे पहले समन भेजा था। तब मैंने पूछा था कि क्या मेरे खिलाफ कोई शिकायत है। तब आयोग ने लिखकर दिया था कि उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। कंडक्ट भी नहीं बनता। इसलिए मैं निश्चिंत था। अब सीएम अन्य इसे लेकर मेरे खिलाफ बयान दे रहे हैं। इसलिए चुनौती दी गई। 
Q.क्या आपको लगता है कि रिपोर्ट में आपका नाम है। 
A.अभीरिपोर्ट मैंने नहीं देखी। लेकिन जो बयानबाजी हो रही है, उससे थोड़ा बहुत अंदाजा होता है। वैसे कोई भी कमीशन बनाया जाता है तो सुप्रीम कोर्ट के रूल के मुताबिक किसी पर्सनेलिटी को नोटिस देना पड़ता है। उसे अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाता है। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.