शिक्षक बनने के लिए अब अंग्रेजी इलेक्टिव का फेर खत्म होगा। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की शैक्षणिक परिषद की बुधवार को हुई बैठक में फैसला हुआ। बैठक में अंग्रेजी इलेक्टिव विषय को केयू में पढ़ाए जा रहे अंग्रेजी
कंपलसरी के समान करने पर मोहर लगी। इसे डीएमसी पर अंकित किया जाएगा। केयू इससे संबद्धता रखने वाले प्रदेशभर के कॉलेजों में पढ़ने वाले लाखों विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।गौरतलब है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से निकाली जाने वाली शिक्षकों की भर्ती में अंग्रेजी इलेक्टिव विषय की शर्त लगाई जाती है, जबकि केयू इससे संबद्धता रखने वाले कॉलेजों में अंग्रेजी कंपलसरी विषय की ही पढ़ाई होती है।
छात्र हित में लिए फैसले: केयू कुलसचिव डॉ. प्रवीण सैनी ने बताया कि अंग्रेजी इलेक्टिव अंग्रेजी कंपलसरी को एक समान करने का फैसला छात्र हित में लिया गया है। इसके अलावा सीबीसीएस को भी स्नातकोत्तर स्तर पर लागू करने को मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि बैठक में सभी 57 एजेंडों पर मोहर लगाई गई।
स्नातकोत्तर में सीबीसीएस को दी मंजूरी: शैक्षणिक परिषद की बैठक में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम सीबीसीएस को केयू कैंपस के यूजीसी से मान्यता प्राप्त स्नातकोत्तर कोर्सों के लिए मंजूरी दी गई। इस सिस्टम से विद्यार्थी अपने विषयों के साथ-साथ दूसरे संकाय के अपनी रुचि के विषयों की पढ़ाई भी कर पाएंगे।
तीनों साल के दे पाएंगे एडीशनल पेपर: शैक्षणिक परिषद की बैठक में उन विद्यार्थियों को भी बड़ी राहत दी गई जो अपनी मुख्य परीक्षा के साथ एडीशनल विषय के पेपर देते हैं। पहले विद्यार्थी केवल दो साल ही एडीशनल विषयों की परीक्षा दे पाते थे। कई विभागों की सरकारी नौकरियों में तीनों साल विषय की पढ़ाई की शर्त लगा दी जाती थी। जिसके कारण विद्यार्थियों को फार्म भरने से वंचित रहना पड़ता था। अब इस शर्त को भी विद्यार्थी तीनों साल एडीशनल विषय की परीक्षा देकर पूरा कर पाएंगे। खासतौर पर बीएड पास करने वाले विद्यार्थियों को इससे बड़ा लाभ मिलेगा।
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साभार: भास्कर समाचार
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