Saturday, November 12, 2016

टेंपरेरी पीरियड को सीनियॉरिटी में शामिल करने के खिलाफ हरियाणा सरकार की अपील

कॉलेज शिक्षकों की सीनियॉरिटी लिस्ट तैयार करते हुए परमानेंट वर्किंग पीरियड के साथ टेंपरेरी पीरियड को भी जोड़ने जाने के हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आदेशों को हरियाणा सरकार ने डबल बेंच में चुनौती दी है। सरकार की
याचिका पर हाईकोर्ट ने सिंगल बेंच में याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी कर उनका पक्ष मांगा है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। रजनी भल्ला की ओर से याचिका दाखिल करते हुए कहा गया था कि उन्होंने दो दिसंबर 1983 को एडहॉक आधार पर कॉलेज शिक्षक के तौर पर कार्य करना आरंभ किया था। इस दौरान अस्थाई नियुक्ति के बावजूद भी सभी आवश्यक प्रक्रिया पूरी करते हुए उन्हें नियुक्ति दी गई थी। तीन अक्टूबर 1988 को उन्हें रेगुलर कर दिया गया था। इसके बाद जब सीनियॉरिटी लिस्ट तैयार की गई तो उनको टेंपरेरी तौर पर किए गए शिक्षण अवधि का लाभ नहीं दिया गया जो सही नहीं है। याची ने एसके मिश्रा मामले में सुप्रीम के आदेशों का हवाला देते हुए टेंपरेरी पीरियड के लिए किए गए शिक्षण कार्य को भी सीनियॉरिटी लिस्ट में लाभ के तौर पर जोड़ने की अपील की थी। सिंगल बेंच ने इस मामले में याची पक्ष में फैसला सुनाते हुए हरियाणा सरकार को सीनियॉरिटी लिस्ट में टेंपरेरी नियुक्ति के दौरान किए गए कार्य को भी जोड़ने के आदेश दिए थे। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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