मोदी सरकार ने केंद्र से मिलने वाली सब्सिडी और विभिन्न कल्याण योजनाओं में लीकेज को पूरी तरह बंद करने के लिए कमर कस लिया है। अगले साल एक अप्रैल से सब्सिडी के साथ-साथ कल्याण योजनाओं के पैसे भी सीधे लाभार्थियों के खाते में जाएंगे। खास बात यह है कि ये सभी खाते आधार से भी जुड़े होंगे, ताकि इसमें
कोई गड़बड़ी नहीं हो। इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने सभी मंत्रलयों को डीबीटी सेल बनाने का निर्देश दिया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। डीबीटी सेल बनाने में आनाकानी करने वाले मंत्रलयों की जमकर क्लास भी ली गई है। सब्सिडी और कल्याण योजनाओं में लीकेज रोकने के लिए सरकार ने समय सीमा निर्धारित कर दी है और सभी मंत्रलयों को इसे कड़ाई से पालन करने को कहा गया है। इसके तहत सभी मंत्रलयों को 30 जून तक डीबीटी सेल बनाना लेना है। इसके बाद 31 दिसंबर तक सभी मंत्रलयों से संबंधित लाभार्थियों के खातों को आधार नंबर से जोड़ दिया जाएगा। इसके बाद बिना आधार नंबर के कोई भी नकद अनुदान जारी नहीं किया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगले छह महीने में डीबीटी सेल अपने-अपने मंत्रलयों से जारी होने वाले सब्सिडी या कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों की सूची बनाकर उनके खातों के आधार नंबर से जोड़ने का काम करेगा। एक बार खातों के आधार नंबर से जुड़ जाने के बाद फर्जी लाभार्थी की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी।
पीएमओ ने डीबीटी सेल बनाने में आनाकानी करने वाले मंत्रलयों को फटकार लगाई है। दरअसल 16 मई को पीएमओ ने सभी मंत्रलयों को 31 मई तक डीबीटी सेल बनाने का निर्देश दिया था। लेकिन कुछ मंत्रलयों ने यह कहते हुए इससे बचने की कोशिश की, उनके यहां से किसी तरह की सब्सिडी जारी नहीं की जाती है। इससे नाराज पीएमओ ने 16 जून को चिट्ठी लिखकर उन मंत्रलयों से जारी होने वाले सब्सिडी और अन्य कल्याण योजनाओं की सूची जारी कर दी। पीएमओ का कहना था कि कुछ मंत्रलय डीबीटी को सिर्फ सब्सिडी से जोड़कर नकद राशि देने तक सीमित समझते हैं, जो गलत है। पीएमओ के अनुसार सभी मंत्रलय कुछ लोगों को नकद के बजाय दूसरे रूप में भी सहायता करते है। जिसपर सरकार का खर्च आता है। ऐसी सहायता को भी आधार और डीबीटी से जोड़ना जरूरी है और अगले साल 31 मार्च तक इसे पूरा करना होगा।
सभी मंत्रलयों में 30 जून तक डीबीटी सेल बन जाने के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फिलहाल सभी से अलग-अलग रिपोर्ट मांगी जा रही है। यदि कुछ मंत्रलय ने नहीं भी बनाया होगा, तो उन्हें जल्द-से-जल्द से डीबीटी सेल बनाने के लिए कहा जाएगा। उनका कहना था कि बिना डीबीटी के कोई भी मंत्रलय नहीं रहेगा, जल्द ही हम यह सुनिश्चित कर लेंगे।
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साभार: जागरण समाचार
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