Friday, March 4, 2016

जाट आंदोलन में हिंसा पीड़ितों को राहत: एक साल का हाउस टैक्स और पानी का बिल माफ़

प्रदेश में हिंसा से हुए नुकसान की भरपाई को सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं। राज्य में पहली बार टैक्सी व निजी बस ऑपरेटर्स पर हर सीट के हिसाब से मासिक आधार पर पैसेंजर टैक्स लगा दिया गया है। सरकार ने हिंसा से प्रभावित जिलों में संपत्ति का नुकसान उठाने वालों को राहत देते हुए उनका एक साल का हाउस टैक्स व
पानी का बिल माफ कर दिया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में किए गए अहम फैसलों में कांट्रेक्ट कैरिज बसों पर पैसेंजर टैक्स के लिए पंजाब पैसेंजर एंड गुड्स टैक्स नियम 1952 के नियम 9 में संशोधन करना रहा। साथ ही राज्य में विधानसभा सत्र से पहले ही बसों के किराए बढ़ने की संभावना भी जाहिर की जाने लगी है। कांट्रेक्ट कैरिज बसों से जुड़े नियम में संशोधन का असर हजारों टैक्सियों और प्राइवेट बसों पर पड़ना तय है। यह टैक्स उन लोगों पर भी लागू होगा, जिन्होंने सरकार की नई परिवहन नीति के तहत परमिट के लिए अप्लाई किया है। यह टैक्स राज्य के लिए नया है और इससे पहले 12 सीटों तक की गाड़ी से एकमुश्त 10 और एसी बसों से 12 हजार रुपये सालाना वसूला जाता था। 12 से ज्यादा सीट वाली साधारण बस पर 125 रुपये प्रति सीट प्रति माह, डीलक्स एवं सेमी-डीलक्स बस पर 175 रुपये प्रति सीट प्रति माह का पैसेंजर टैक्स लगेगा, जबकि साधारण एसी बस को 200 रुपये प्रति सीट प्रतिमाह, डीलक्स व सेमी-डीलक्स एसी बस को 300 रुपये प्रति सीट प्रतिमाह और लग्जरी एसी बस को 350 रुपये प्रति सीट प्रति माह का पैसेंजर टैक्स देना होगा। सरकार ने हालिया हिंसा व तोड़फोड़ के कारण मोटा नुकसान ङोलने वालों पर मरहम लगाते ऐसे लोगों के लिए एक साल का हाउस टैक्स और एक साल का पानी का बिल माफ करने का निर्णय लिया है। 
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साभारजागरण समाचार 
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