दंगा पीड़ितों को अंतरिम सहायता राशि में भी कमीशनखोरी। शर्मनाक, अति निंदनीय। इसके लिए जो शब्द इस्तेमाल किया जाए, वह भी कम है। हिंसात्मक जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए नुकसान के बाद सरकार ने पीड़ितों के जख्मों पर भले ही मरहम लगाना शुरू कर दिया है लेकिन इसमें भी कुछ लोग
कमीशनखोरी के खेल से बाज नहीं आ रहे हैं। दस हजार रुपये के चेक पर एक हजार रुपये का कमीशन। तुर्रा ये कि ये इस चेक के लिए सिफारिश की गई है, वरन ये भी न मिलता। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि सर्वाधिक दंगा पीड़ितों में शुमार रोहतक जिले में जिला प्रशासन की नाक के नीचे यह घिनौना खेल हो रहा है और शासन और प्रशासन पूरे मामले से अनभिज्ञ है। दैनिक जागरण ने अंतरिम राहत राशि वितरण की प्रक्रिया की हकीकत जानी तो यह सब सामने आया। पीड़ितों से दलालों द्वारा कमीशन मांगने के सुबूत भी हैं। जाट आरक्षण आंदोलन के बाद भड़की हिंसा में बर्बादी का दंश झेल रहे रेहड़ी व फड़ी वालों को प्रशासन ने अंतरिम राहत प्रदान करते हुए दस-दस हजार रुपये के चेक प्रदान किए हैं। इसके पीछे सरकार और प्रशासन का उद्देश्य था कि वो अपनी रोजी-रोटी का जुगाड़ दोबारा से शुरू कर सकें। शहर के प्रबुद्ध लोगों व व्यापारी संगठनों से दंगे में प्रभावित रेहड़ी व फड़ी वालों को चिन्हित करवाया गया और सूची जिला प्रशासन को सौंप दी गई। इसके बाद शहर में करीब 27 पीड़ित लोगों को दस-दस हजार रुपये की अंतरिम राहत राशि बतौर चेक शनिवार को ही देनी शुरू कर दी गई थी। इन सभी पीड़ितों को पहले रेडक्रास व बाद में जिला उपायुक्त कार्यालय से चेक उपलब्ध करवाएं गए। पीड़ितों में कुछ लोग ऐसे सामने आए हैं, जिनका नुकसान एक से दो लाख रुपये था। उन्हें इस रकम से थोड़ी राहत तो मिली लेकिन उनके घाव दोबारा से हरे जरूर हो गए। पीड़ित लोगों से दस हजार रुपये का चेक दिलवाने की एवज में कुछ दलाल एक हजार रुपये कमीशन लेने पहुंच गए। पीड़ित लोगों पर यह कहकर कमीशन देने का दबाव बनाया जा रहा है कि सिफारिश से उनको चेक दिलवाए गए हैं। इससे पीड़ितों में खासा रोष है। कई लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनसे भी एक हजार रुपये मांगे गए हैं।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: जागरण समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.