क्या आपको पता है कि किसी एक बैंक में आपके दो सेविंग्स अकाउंट नहीं
हो सकते? जी हां, यह सच है। आप पूरे देश भर में किसी एक बैंक में केवल एक
ही सेविंग्स अकाउंट खुलवा सकते हैं। अगर किसी ग्राहक का किसी बैंक के एक से
अधिक शाखाओं में ऐसा अकाउंट पाया जाता है, तो ऐसी स्थिति में उसे 30 दिनों
के भीतर एक खाते को बंद करना होता है। अब यह उस ग्राहक पर निर्भर करेगा कि
वह किस शाखा से जुड़ा रहना चाहता है।
- क्या है इसका मतलब: मान लें आपका उत्तर प्रदेश के किसी जिले में भारतीय स्टेट बैंक की किसी शाखा में सेविंग्स अकाउंट है। अब अगर आप दिल्ली में भारतीय स्टेट बैंक में एक सेविंग्स अकाउंट खोलना चाहते हैं, तो आप ऐसा नहीं कर सकते। एसबीआई ने आरबीआई के नियम को लागू कर दिया है। पिछले वर्ष ही भारतीय स्टेट बैंक मुख्यालय ने अपनी सभी शाखाओं को इस बाबत निर्देश जारी किया था। एक से अधिक शाखाओं में एक पैन को स्वीकार नहीं किया जा रहा। एक ही पैन नंबर को देखते हुए एसबीआई की कई शाखाओं ने कई लोगों को दूसरा खाता खोलने से मना किया है। अन्य बैंक भी इस नियम को लागू करने में कड़ाई बरत रहे हैं। पंजाब नेशनल बैंक के पूर्व मुख्य महा प्रबंधक यू एस भार्गव के अनुसार, 'आरबीआई का यह नियम काफी वर्षों से लागू है और सभी शाखाओं के एक दूसरे से कंप्यूटर से जुड़ जाने के बाद अब बैंक इस नियम को और कड़ाई से लागू करने लगे हैं।'
- क्या है नियम: हालांकि कोई भी व्यक्ति अगर एक से अधिक बैंक में अपने खाते रखता है तो यह नियमतः सही है। लेकिन किसी एक बैंक में किसी व्यक्ति के दो सेविंग्स एकाउंट नहीं हो सकते। अगर किसी बैंक में किसी ग्राहक का दूसरा सेविंग्स अकाउंट मिलता है, तो ऐसी स्थिति में उसे 30 दिनों के भीतर उस खाते को बंद करना होता है। हालांकि, किसी एक बैंक में किसी व्यक्ति का एक सेविंग्स एकाउंट और एक करेंट अकाउंट जरूर हो सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि सेविंग्स अकाउंट वाला यह नियम ज्वाइंट अकाउंट के ग्राहकों पर लागू नहीं होता। आरबीआई के पटना के क्षेत्रीय निदेशक मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि बैंक अपनी अलग-अलग शाखाओं में किसी एक व्यक्ति को एक से अधिक खाता खोलने से मना कर सकता है। लेकिन दूसरे बैंकों में खाता रहने पर भी उन्हें खाता खोलना होगा।
- पैन कार्ड के बगैर भी खुलता है खाता: अगर किसी व्यक्ति के पास पैन कार्ड नहीं है तो भी बैंक उसका खाता खोलने को बाध्य होते हैं। बस इसके लिए फार्म 60 भरना पड़ता है। फार्म 60 के माध्यम से डिक्लेरेशन लिया जाता है कि व्यक्ति के पास पैन कार्ड नहीं है। नाम न बताने की शर्त पर एक बैंक अधिकारी ने बताया कि कई बैंक नए खातों का बोझ नहीं उठाना चाहते और उन्होंने अघोषित रूप से खाते खोलने की प्रक्रिया रोक दी है।
- हर ग्राहक को यूनिक आईडी: एसबीआई ने हर ग्राहक को यूनिक आईडी दी है। सॉफ्टवेयर में पैन नंबर डालते ही पता चल जाता है कि इस पैन का स्टेट बैंक की किसी भी शाखा में खाता है या नहीं। 70% बैंकों में ग्राहकों की पैन हिस्ट्री फॉलो की जा रही है।
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साभार: भास्कर समाचार
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