सिर्फ बच्चों के किराए में दी जाने वाली सब्सिडी को बंद कर रेलवे ने पिछले एक साल में 228 करोड़ रुपए कमाए हैं। बीते वर्ष 21 अप्रैल से रेलवे ने नया नियम लागू किया था कि 5 से 11 वर्ष की आयु के बच्चों को अब आधे
टिकट पर बर्थ नहीं दी जाएगी। यदि ऐसे बच्चों के लिए बर्थ चाहिए तो पूरा किराया देना होगा। इसका असर यह हुआ कि देश में रेलवे के 16 जोन कोंकण रेलवे में बच्चों के पूरा किराया देने से रेलवे के राजस्व में 228 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हो गई। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा कमाई उत्तर, मध्य, दक्षिण पश्चिम रेलवे की हुई। राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने जो आंकड़े दिए हैं उसके मुताबिक 21 अप्रैल 2016 से मार्च 2017 तक ट्रेनों में पूरा किराया देकर बर्थ पर सफर करने वाले बच्चों ने रेलवे को 914 करोड़ रुपए का किराया दिया। नया नियम लागू होने से पहले रेलवे को इस मद में 686 करोड़ रुपए ही राजस्व मिला था।
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साभार: भास्कर समाचार
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