जम्मू-कश्मीर में उपद्रवी हिंसा से पैदा हुए गंभीर हालात का समाधान निकालने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिदल 4 और 5 सितंबर को श्रीनगर का दौरा करेगा। गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में जा रहे इस दल में देश के सभी अहम दलों के वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की संभावना है। सरकार से मिले संकेतों के अनुसार दो दिनों
में यह प्रतिनिधिदल जम्मू-कश्मीर के सभी दलों, संगठनों, बुद्धिजीवियों से लेकर उन सभी से मिलेगा जो घाटी में अमन-चैन की बहाली चाहते हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सरकार ने सर्वदलीय प्रतिनिधिदल कश्मीर भेजने की घोषणा के साथ ही घाटी की मुख्यधारा से बाहर के तत्वों को यह साफ संदेश भी दिया है कि हिंसा नहीं शांति के माहौल में संवाद से ही समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। देश में इस पर आम राजनीतिक सहमति है। गृहमंत्री की अगुवाई में सर्वदलीय प्रतिनिधिदल को भेजने का फैसला इसी बात को जाहिर करता है। प्रधानमंत्री और भाजपा नेतृत्व से राजनाथ सिंह की हुई व्यापक चर्चा के बाद गृह मंत्रलय ने सोमवार को सर्वदलीय प्रतिनिधिदल के कश्मीर जाने के कार्यक्रम का ऐलान कर दिया। गृहमंत्री ने सभी दलों के नेताओं को फोन कर पार्टी की ओर से इस प्रतिनिधिदल में शामिल होने वाले सदस्य का नाम देने का अनुरोध किया है। सरकार की ओर से केवल दो दिनों का कार्यक्रम तय हुआ है। हालांकि विपक्षी दलों ने सरकार को सुझाव दिया है कि दो दिनों की अवधि यदि कम पड़ती है तो इसे एक दिन और बढ़ाया जा सकता है। सरकार ने इस पर अभी कुछ नहीं कहा है। सर्वदलीय प्रतिनिधिदल के संवाद का जो कार्यक्रम बन रहा है उसके अनुसार राज्य के तमाम दलों, व्यापार संगठनों, आम लोगों, संस्थाओं आदि से चर्चा होगी। विपक्षी दलों की ओर से संकेत दिए गए हैं कि सर्वदलीय प्रतिनिधिदल बड़ी तादाद में पिछले 51 दिनों की ¨हसा में घायल लोगों में से कुछ से मिलने और कुछ मोहल्लों में भी जाने के पक्ष में हैं। लेकिन सुरक्षा वजहों से सुरक्षा एजेंसियों से इसकी मंजूरी मिलेगी इसकी गुंजाइश कम ही है। प्रतिनिधिदल के सदस्यों का नाम अभी तय नहीं हुआ है। हालांकि कांग्रेस की ओर से मिले संकेतों के अनुसार राज्यसभा में पार्टी के नेता गुलाम नबी आजाद और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम इसमें शामिल हो सकते हैं। तो माकपा की ओर से सीताराम येचुरी, जनतादल यूनाइटेड की ओर से शरद यादव, समाजवादी पार्टी के नुमाइंदे के तौर पर रामगोपाल यादव, बसपा से सतीश मिश्र से सरीखे नामों के इसमें शामिल होने की चर्चाएं हैं। कांग्रेस नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने सर्वदलीय प्रतिनिधिदल भेजने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार का यह फैसला देर आए दुरुस्त आए है। उन्होंने पुष्टि की कि गृहमंत्री ने प्रतिनिधिदल के लिए कांग्रेस सदस्य का नाम मांगा है। आजाद ने कहा, बेशक सर्वदलीय प्रतिनिधिदल के वहां जाने से काफी फर्क पड़ेगा। घाटी के लोगों में इससे भरोसा जगेगा कि उनकी बातों को केवल सरकार नहीं बल्कि सभी दल सुनकर कोई समाधान निकालेंगे। आजाद ने कहा कि आज कफ्यरू खत्म होने के बाद पूरे दिन शांति की खबर भी काफी राहत देने वाली है। उम्मीद है कि सभी दलों के नेता जब वहां की आवाम से रूबरू होंगे तो बदलाव की बेहतर स्थितियां बनेंगी।
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साभार: जागरण समाचार
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